नागपुर: नागपुर के सिविल लाइन्स स्थित वसंतराव देशपांडे सभागृह कला प्रेमियों का अड्डा है। आये दिन यहाँ कई कार्यक्रम होते रहते है। नाटक महाराष्ट्र की सम्पन्न कला परंपरा का हिस्सा है। सभागृह में 15 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच हौशी ( उत्साही ) राज्य नाट्य स्पर्धा शुरू है। जिसमे कई टीमें हिस्सा ले रही है। लेकिन सरकार के अधीन सभागृह में किसी तय कार्यक्रम को दरकिनार कर कोई राजनीतिक कार्यक्रम का आयोजन हो जाये तो इसे क्या कहाँ जाये। शनिवार को ऐसा ही हुआ देशपांडे सभागृह में आयोजित नाटक मंचन के कार्यक्रम को एक राजनीतिक कार्यक्रम के लिए बदलाव करना पड़ा। दरअसल राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक प्रकाश गजभिये ने 17 और 18 नवंबर को दो दिवसीय दिव्यांग सम्मेलन का आयोजन किया है। शनिवार को गजभिये का कार्यक्रम देशपांडे सभागृह में हो भी रहा है लेकिन इसके लिए नाटक करने वाले कलाकारों को अपने कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा। खास है कि इसके लिए राज्य नाट्य स्पर्धा का आयोजन करने वाले विभाग सांस्कृतिक कार्य संचालनालय ने भी साथ दिया। सांस्कृतिक कार्य संचालनालय विभाग का जिम्मा सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का है पर इस मामले में विभाग भी राजनीतिक दवाव के आगे झुकता दिखाई दिया। संचालनालय राज्य सरकार के अधीन काम करता है और विभाग द्वारा ही स्पर्धा के लिए देशपांडे हॉल बुक कराया गया है।
गजभिये का कार्यक्रम रविवार को भी है जिसे उन्होंने विधायक निवास में शिफ्ट किया है। राज्य नाट्य स्पर्धा का कार्यक्रम संपन्न होने के बाद गजभिये के कार्यक्रम का समारोप कार्यक्रम देशपांडे सभागृह में भी होगा। राज्य नाट्य स्पर्धा का आयोजन हर वर्ष नागपुर में होता है जिसका कार्यक्रम बाकायदा सरकार द्वारा तय किया जाता है। ऐसे में सवाल उठता है की क्या किसी निजी कार्यक्रम जिसका आयोजन राजनीतिक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा हो उसके लिए सरकारी कार्यक्रम में विघ्न डाला जा सकता है। इस घटना के बाद नाट्य कला से जुड़े लोगों में हताशा का माहौल है उन्हें डर है कि अगर विघ्न की यही परंपरा शुरू हो जाती है तो इसका असर आने वाले कला क्षेत्र के आयोजनों में भी पड़ेगा।