चंद्रपुर। बाघ और तेंदुए की लडाई में तेंदुए के मारे जाने की घटना भद्रावती वनपरिक्षेत्र के कक्ष क्र. 204 में हुई. इसका पता चलने पर अधिकारियों ने तेंदुए का मौके पर ही पोस्टमार्टम कर शव को वहीं जला दिया.
कचराला नियत क्षेत्र के वनरक्षक एम.एन. भोगेकर 16 अक्तूबर की शाम 4.30 बजे जंगल में गश्त के लिए गए थे. उस दौरान उन्हें 7 वर्षीय नर तेंदुआ मृत अवस्था में दिखा. निरीक्षण करने पर उसकी खाल, नाखून, दांत मूंछ आदि अंग सब सही सलामत मिले, लेकिन मृत तेंदुए के आसपास बाघ के पैरों के निशान नजर आए. तेंदुए की गर्दन, पेट और पैर पर गहरे जख्म थे. शरीर पर जगह-जगह खरोंच नजर आ रही थी.
आसपास के परिसर का निरीक्षण करने पर लडाई के चिह्न् मिले. घटनास्थल पर बाघ के बाल व विष्ठा भी मिली, जिससे तेंदुए की मृत्यु बाघ के साथ लडाई में होने की पुष्टि हुई. भद्रावती के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. वावणे को घटनास्थल पर बुलाकर तेंदुए का पोस्टमार्टम किया गया. आगे की जांच के लिए आवश्यक अंगों को सुरक्षित रखा गया है. इस समय घटनास्थल पर चंद्रपुर वनवृत्त के मुख्य वनसंरक्षक संजय ठाकरे, विभागीय वन अधिकारी एस.एस. पाटिल, चंद्रपुर के मानद वन्यजीव रक्षक बंडू धोतरे, सहा. वनसंरक्षक वि.वा. मोरे, भद्रावती के वनपरिक्षेत्र अधिकारी मुंडे और वन कर्मचारी उपस्थित थे.