नागपूर – भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) कि प्रमुख संघठन अखिल भारतीय बिमा कर्मचारी असोसिएशन (AIIEA) से संलग्नित नागपुर डिवीजनल एल.आई.सी एम्पलाईज यूनियन नें आजादी का ७५ वा अमृत महोत्सवी वर्धापन दिन समारंभ आज १५ अगस्त को सुबह १० बजे ज्येष्ठ कामगार नेता रमेश पाटणे के हाथों तिरंगा झंडा लहराकर समुह राष्ट्रगान के साथ प्रमुख नेतागण अनिल ढोकपांडे, वाय.आर.राव, शिवा निमजे, भुतपूर्व नौसैनिक पी.व्ही. मिलींदकुमार व असंख्य बिमाकर्मियों के साथ धूमधाम सें मनाया. जो अभिकर्ताओं के भरोसें एलआईसी नें सफलता कि नई उचांईयॅा हासिल कि उन अभिकर्ताओं का संघठन ने प्रमुख अतिथी व्दारा प्रशस्तीपत्र, मानचिन्ह व गुलदस्ता देकर सन्मान किया.
संघठन के वर्धापन दिवस व स्वतंत्रता के ७५ वे वर्धापन दिवस अवसरपर जुलाई माह में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था । जिसमें नागपूर मंडल कि सभी शाखा इकाई से १२८ अभिकर्ता साथीओं ने २५ नई बीमा पॅालिसी बेचकर सफलता हांसील कि उनका एलआईसी नागपूर के वरिष्ठ मंडल प्रबंधक प्रणय कुमार व्दारा सत्कार किया गया । प्रारंभ में बीमाकर्मियों ने देशभक्तीपर गीतों को अपनी मधूर आवाज में प्रस्तुत किया. इस अवसरपर नागपूर कि प्रसिद्ध पार्श्वगायिका श्रेया खराबे ने अपनी जादुई आवाज में प्रस्तुत जरा याद करो कुर्बानी गीत ने सबका दिल जित लिया. अभय पांडे, नरेश पाठराबे, अभय नाईक, लक्ष्मी खर्डेणवीस, संपदा गव्हाणकर आदी नें देशभक्ती गीत सुनाए.
डॅा.स्मीता माहूरकर ने इसका संचालन किया व संगीत सारंग मास्टे ने दिया. ज्येष्ठ बिमा कामगार नेता रमेश पाटणे ने अपने सम्बोधन में आजादी कि ७५ वी वर्षगांठ पर जब अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज कर रही है तब शानदार उपलब्धीयों के किर्तीमान गढ कर देश के विकास में अहम् भूमिका निभानेवाले एलआईसी में कार्यरत कर्मचारी, अधिकारी, विकास अधिकारी एवं अनगिनत अभिकर्ताओं के अमूल्य योगदान पर उन्हे क्रांतिकारी बधाईयां दी | अनिल ढोकपांडे ने विश्वास व्यक्त किया कि हम पूरी एकता के साथ एलआईसी और देश का वर्तमान और भविष्य बचाने एकजुटता के साथ संघठन के हर आंदोलन को कामयाब बनायेंगे. प्रास्ताविक भाषण में महासचिव वाय.आर.राव ने कहा १५ अगस्त २०२२ एक ऐतिहासिक महत्व का दिन है.
इसे ‘सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ- एलआईसी को मजबूत बनाओ’ दिवस के रूप में मनाने पर सभी साथीयों को उन्होने बधाईयां दी | संचालन प्रीती पात्रे ने एवं संघठन के अध्यक्ष शिवा निमजे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उपस्थित साथीयों के आभार व्यक्त किये । सफलता हेतू राजेश विश्वकर्मा, जी हरी सरमा, हिना जिभकाटे, संदिप लातूरकर, विवेक जोशी, राजेश खंडेलवाल, नरेश अडचुले, अभय पाटणे, लक्ष्मण मौंदेकर, सुरेश शंभरकर, नरेंद्र उमाळे, सलील मुळे, मुकेश जुमडे, शोभा मोहपेकर, मिलिंद पवनीकर, शशी सोनूरकर, दिगांबर वासनिक, नलिनी धनविजय आदी. ने सहयोग दिया.