नांदुरा की घटना
अमरावती। शराब में पैसे खर्च करने की मामूली बात पर पति रामचंद्र मेश्राम की हत्या करने के आरोप में सुनंदा मेश्राम व उसके बेटे पकंज मेश्राम को जिला व सत्र न्यायाधीश एस.एम.भोसले की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. वलगांव के नांदुरा निवासी रामचंद्र हमेशा शराब पीता था. उसने गांव के ही प्रकाश भोकरे नाम शख्स को 17 हजार में भैस बेची थी, जिसकी अडवान्स रकम के तौर पर 2 हजार रुपये लिये, शेष रकम मिलने पर उसे गिरवी गहने छुड़वाने थे. 24 जुलाई 2013 को रामचंद्र ने उक्त रकम शराब में खर्च कर ली.
इस बारे में पता चलते ही पहले नांदुरा स्टैंड पर बेटे पंकज ने उससे मारपीट की. जिसे घसीटते हुए घर ले गया. जहां पत्नी सुनंदा ने बेटे के साथ मिलकर उसे फांसी देकर मौत के घाट उतार दिया. पुलिस पाटिल सायेमा सुलतान की सूचना पर वलगांव पुलिस घटनास्थल पहुंची. पुलिस ने मां-बेटे के खिलाफ हत्या के तहत मामला दर्ज किया. इसी मामले में कोर्ट में 11 गवाहों की गवाही व सहायक सरकारी वकील प्रकाश शेलके की दलीलों पर आरोप सिध्द हुआ. कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद व 1-1 हजार जुर्माना की सजा सुनाई.