पत्नी की जलाकर हत्या करने का मामला
अकोला। विवाहिता को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित करते हुए उसकी जलाकर हत्या करने के आरोपी पति और ससुर के खिलाफ सामने आए ठोस सबूतों की बुनियाद पर अदालत ने दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई. सजा का यह आदेश अकोट के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सु.वा. चव्हाण की अदालत ने आज दिया. अकोट के अंबोली वेस के रहनेवाले मकसूद अली साहिदक अली सहित सादिक अली असरार अली, ननद कमरून्निसा, मोहम्मद सादिक मोहम्मद यावू â ब पर आरोप था कि, वे मकसूद की पत्नी रिजवाना खातून को मायके से रूपए लाके की मांग कर रहे थे, जिसके पूरा नहीं किए जाने पर उसे शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया जा रहा था.
इस बीच 23 अप्रैल 2012 को रिजवाना पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी गई थी. जिसमें गंभीर रूप से झुलसी रिजवाना ने उपचार के दौरान दम तोड दिया था. रिजवाना के मृत्यु पूर्व बयान के आधार पर अकोट पुलिस ने आरंभ में उपर्युक्त सभी के खिलाफ धारा 498 (अ), 307, 34 के तहत मामला दर्ज किया था. इसके पश्चात उसकी मौत हो जाने से धारा 302 को शामिल किया गया. मामले की सुनवाई अकोट के अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश सू.वा. चव्हाण की अदालत में हुई जिसमें छह गवाहों के बयान की जांच हुई इनमें दो गवाह अपने बयान से मुकर गए. अदालत ने आरोपियों में मृतका के पति मकसूद अली और ससुर सादिक अली के खिलाफ सामने आए ठोस सबूतों के आधार पर उन्हें धारा 302 में उम्रकैद तथा तीन हजार रूपए जुर्माना, धारा 498 (अ) में तीन वर्ष के सश्रम कारावास तथा दो हजार रूपए जुर्माने की राशि तीन हजार रूपए अदा नहीं करने पर छह माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास और दूसरे जुर्माने की राशि दो हजार रूपए अदा नही करने पर तीन माह के कारावास का प्रावधान है. इस मामले में सरकार की ओर से अधि. ज.वा. गावंडे ने पैरवी की.