– द इलेक्ट्रिकल कांट्रेक्टर एसोसिएशन की मांग
नागपुर – MSEDCL के विद्युत ठेकेदार और शिक्षित बेरोजगार इंजीनियर नए कार्यों और अन्य योजनाओं जैसे कि पैनल, डी.पी. डीसी, एच. वीडीएस ब्रेकडाउन मेंटेनेंस का काम कर रहा है, वो काम पुराने दर अर्थात वर्ष 2019-2020 की टेरिफ के तहत हो रहा.
इसे बदलकर नए दर के अनुसार बकाया भुगतान करने की मांग ‘द इलेक्ट्रिक कांट्रेक्टर एसोसिएशन’ ने की हैं.अन्यथा हड़ताल करेंगे,जिसकी जिम्मेदारी MSEDCL प्रशासन/प्रबंधन की होगी।
याद रहे कि वर्तमान में बाजार में ट्रांसफार्मर, स्टील, एल्युमीनियम कंडक्टर, केबल, एम.एस. निर्माण और श्रम लागत दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और दरों में लगभग 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे विद्युत ठेकेदारों और सुशिक्षित बेरोजगार इंजीनियरों के लिए एमएसईडीसीएल का काम करना मुश्किल हो गया है।संगठन से जुड़े ठेकेदार ठेकेदार कोविड-19 बिजली की आपूर्ति सुचारू रूप से चालू रखें हुए हैं.
साथ ही तूफान, भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाओं के मामले में भी बिजली के ठेकेदार सक्रियता निभाते रहते हैं। फिर आलम ठेकेदारों को उनका भुगतान समय पर नहीं मिलता है।ठेकेदारों द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत किए गए कार्यों के बिल 3 से 4 महीने से पेंडिंग रखी गई है,इसलिए ठेकेदारों की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है।
विद्युत ठेकेदार संघ एवं महासंघ महाराष्ट्र की ओर से विगत एक वर्ष से ऊर्जा मंत्री के साथ-साथ प्रबंध निदेशक को उपरोक्त मुद्दे पर जानकारी दी गई है और मुंबई में मुख्यालय सह सम्बंधित विभाग उक्त मामले को तरजीह नहीं दे रही.
सवाल यह भी है कि साथ ही MSEDCL की सहयोगी कंपनी महापरेशन कंपनी की भुगतान अवधि के अनुसार ठेकेदारों को 60 प्रतिशत GST और आपूर्ति सामग्री का भुगतान करती है, फिर MSEDCL ठेकेदारों के साथ यह भेदभाव क्यों ? उपरोक्त स्थिति में MSEDCL के ठेकेदारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है, इसलिए कई ठेकेदारों के लिए आत्महत्या करने की चेतावनी संगठन को दे रहे.
MSEDCL ने समय रहते ठेकेदारों का बकाया बिल भुगतान नहीं किया तो संगठन अपने ठेकेदारों के हित में अगले सप्ताह से पूर्ण हड़ताल शुरू कर देगी।इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष देवा धोरे, सचिव अनिल मनापुरे, उपाध्यक्ष रमेश कनौजिया, राजेश पंजवानी, सुनील उल्हे, रवींद्र देशमुख, नरेंद्र पहाड़े, कमलाकर राउत, प्रशांत पिंगले, अशोक पारद आदि मौजूद थे.