नागपुर: पिछले दस दिनों से आंगनवाड़ी सेविकाओं और मदतनिस महिला कर्मचारी मानधन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर सविंधान चौक पर धरना प्रदर्शन कर रही हैं. लेकिन सरकार ने इनकी मांगों पर संज्ञान नहीं लिया है. इन महिला कर्मचारियों के कामबंद आंदोलन करने की वजह से जिले के छोटे बच्चे मिड डे मील से वंचित रह रहे हैं.
नागपुर जिले में ही नहीं इस बार अपनी मांगों को लेकर राज्य समेत अन्य राज्यों में भी आंगनवाड़ी महिला कर्मचारियों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं. विदर्भ में कई ऐसे जिले भी हैं जहां पर छोटे बच्चे केवल आंगनवाड़ी से मिलनेवाले मिड डे मील पर ही निर्भर है. जिसके कारण उन्हें मिड डे मील नहीं मिलने से और भी बिकट परिस्थति हो सकती है. खास तौर से अमरावती जिले के अति दुर्गम भाग मेलघाट में हर वर्ष कुपोषण से बच्चों की मौत हो रही है और ऐसे में मिड डे मील के बंद होने से वहां स्थिति और भी गंभीर बनती जा रही है.
कुछ आंगनवाड़ी महिलाओं का का कहना है कि उन्हें आंदोलन में शामिल न होकर मिड डे मिल बनाने के लिए शालेय पोषण आहार से सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा डराया भी जा रहा है. लेकिन फिर भी महिला कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर समझौता नहीं किया है. नागपुर में कई आंगनवाडियों में बच्चे रोजाना आंगनवाड़ी आ रहे हैं लेकिन आंगनवाड़ी के दरवाजे पर ताला लगा हुआ देख वापस अपने घर निराश मन से जा रहे हैं. मुंबई के मंत्रियों से चर्चा करने के लिए और वहां भी प्रदर्शन करने के बारे में भी आयटक के नेताओं की ओर से विचार किया जा रहा है.