Published On : Fri, Feb 14th, 2020

प्रतापगढ़ पहाड़ी में विराजे ‘भगवान शिव’

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प्राकृतिक आपदा की घटना के बाद तत्काल मूर्ति जिर्णोद्वार और सौंदर्यीकरण का हुआ था फैसला

गोंदिया: प्राकृतिक सौंदर्य और सर्वधर्म-समभाव के प्रतिक प्रतापगढ़ तीर्थक्षेत्र में महाशिवरात्रि पर्व पर हर-हर भोला.. हर-हर महादेव की गूंज के साथ ऊंची पहाड़ियों के खुले परिसर में स्थापित भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति के दर्शन भोलेनाथ के भक्त और सभी श्रद्धालू कर सकेंगे।

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गौरतलब है कि, गोंदिया जिले के अर्जुनी मोरगांव तहसील अंतर्गत आनेवाले प्राचीन व दर्शनीय स्थल प्रतापगढ़ में पहाड़ियों की ऊंचाई पर स्थापित भगवान शिवजी की मूर्ति जो प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा उच्च गुणवत्ता के फाइबर मटेरियल से निर्मित थी, यह मूर्ति २५ जुलाई २०१९ के रात इलाके में हुई घनघोर बारिश तथा आकाशीय बिजली गिरने की वजह से खंडित हो गई थी।

विशेषज्ञों की जांच तथा प्रयोगशाला भेजे गए नमूनों की जांच रिपोर्ट में भी प्राकृतिक घटना करार दिया गया। श्रावण मास में भगवान शिव की मूर्ति खंडित हो जाने पर भोलेनाथ के भक्तों और क्षेत्र के नागरिकों ने जल्द नई मूर्ति स्थापित करने का अनुरोध किया था, तब इस क्षेत्र का दौरा तत्कालीन राज्यमंत्री व पालकमंत्री डॉ. परिणय फुके, सांसद सुनिल मेंढे ने करते हुए घटना पर संवेदना प्रकट कर इसे नैसर्गिक आपदा करार दिया तथा मूर्ति जिर्णोद्वार व सौंदर्यीकरण हेतु तत्काल जिला नियोजन समिति के माध्यम से २० लाख रूपये की निधि मंजूरी कर नई प्रतिमा के निर्माण का निर्णय किया गया।

पंच लोह से बनी है, भगवान शिव की नई प्रतिमा

प्राकृतिक आपदा की घटना के बाद लाखों श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था को देखते हुए नाना पटोले मित्र परिवार ने नई मूर्ति स्थापित करने का ऐलान करते हुए निर्माण कार्य ४ माह पूर्व शुरू कर दिया।

इस परियोजना के संदर्भ में अशोक चांडक ने जानकारी देते बताया- पंच लोह की नई मूर्ति निर्माण का निर्णय विधायक नाना पटोले मित्र परिवार द्वारा लिया गया। मूर्ति जिर्णोद्धार पर २० से २२ लाख रूपये का खर्च मित्र परिवार ही कर रहा है। फिलहाल शिवरात्रि को देखते हुए समय कम है, इसलिए परिसर का सौंदर्यीकरण बाद में किया जायेगा, जिसके लिए २० लाख रूपये का फंड जिला प्रशासन के पास सुरक्षित पड़ा हुआ है।

मूर्ति निर्माण में महाराष्ट्र के नांदेड़ से मूर्तिकार व्यंकटी बाबूराव गीते और उनके सहयोगी मुर्तिकार तुकाराम पाचा़ंड तथा पेंटर बालाजी नागुराव बुटे व उनकी २५ सदस्यीय की टीम गत ४ माह से लगी हुई है। निर्माणाधीन मूर्ति शास्त्रोक पद्धति द्वारा पंच धातु से बन रही है, जिसमें सिमेंट, लोहे के अतिरिक्त सोना, तांबा, चांदी, पीतल और जिप्सम इन पंच धातुओं का इस्तेमाल हुआ है, मूर्ति की ऊंचाई २२ फिट है तथा चौड़ाई १५ फिट है, यह मूर्ती लगभग बनकर तैयार हो गई है तथा इसके पेंटिंग का काम २ दिनों बाद शुरू होगा।

महाशिवरात्रि पर्व पर ३ दिवसीय आयोजन रखा गया है, १९ फरवरी को पूजा, २० को हवन तथा २१ की सुबह मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा समारोह होगा, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष नानाभाऊ पटोले व गणमान्य उपस्थित रहेेंगे।

रवि आर्य

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