वर्धा/नागपुर: वर्धा, 20 मार्च 2018: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में सत्र 2018-19 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। विश्वविद्यालय में एम.ए., एमबीए, एम.एड., एम.एस. डब्ल्यू., बी.एड., बी. वोक., पाठ्यक्रमों में इंफॉर्मेटिक्स एंड लैंग्वेज इंजीनियरिंग, हिंदी साहित्य, तुलनात्मक साहित्य, प्रयोजनमूलक हिंदी एवं भाषा प्रबंधन, उर्दू, मराठी, अंग्रेजी, संस्कृत, मास्टर ऑफ परफार्मिंग आर्टस, गांधी एवं शांति अध्ययन, स्त्री अध्ययन, दलित एवं जनजातीय अध्ययन, बौद्ध अध्ययन, अनुवाद अध्ययन, प्रवासन तथा डायस्पोरा अध्ययन, जनसंचार, मानवविज्ञान, एमएसडब्ल्यू, शिक्षाशास्त्र, मनोविज्ञान, एमबीए, बी.ए. एम.ए. मानवविज्ञान (एकीकृत), बी.एड., एम.एड., बी. कॉम. एवं बी. ए. ऑनर्स, भाषा विज्ञान, हिंदी, समाज शास्त्र, राजनितीविज्ञान, इतिहास आदि पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आवेदन जनसंपर्क विभाग से जारी किये जा रहे है। विश्वविद्यालय में एम.ए. करने वाले विद्यार्थियों को एक भारतीय या विदेशी भाषा भी सीखायी जाती है। कम्प्यूटर दक्षता के लिए विद्यार्थियों को कम्प्यूटर में अनिवार्य रूप से दक्ष किया जाता है। एम. फिल. और पी-एच.डी. के लिए भी अनेक विषय यहां उपलब्ध हैं।
सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पी. जी. डिप्लोमा, एडवांस्ड डिप्लोमा में अनेक कोर्स यहां उपलब्ध हैं। पीजी डिप्लोमा में भाषा शिक्षण, भाषाविज्ञान, भाषा-प्रौद्योगिकी, पीजीडीसीए, देशज संस्कृति भाषा और जेंडर, गांधी अध्ययन, स्त्री अध्ययन, दलित विचार, बौद्ध अध्ययन, पालि भाषा एवं साहित्य, बौद्ध पर्यटन एवं गाइडिंग, तिब्बती भाषा एवं धर्म, अनुवाद, प्रयोजनमूलक हिंदी, निर्वचन, भारतीय डायस्पोरा आदि पाठ्यक्रम शामिल है। डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में फोरेंसिक साइंस, योग एवं स्वास्थ्य अध्ययन, परामर्श एवं निर्देशन, मराठी, उर्दू, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, चीनी, स्नेनिश, जापानी, फ्रेंच तथा डीसीए एवं भारतीय शास्त्रीय संगीत शामिल हैं। सर्टिफिकेट के पाठ्यक्रमों में मराठी, उर्दू, संस्कृत, चीनी, स्पेनिश, जापानी, फ्रेंच, अंग्रेजी, भारतीय शास्त्रीय संगीत (गायन) उपलब्ध है। विद्यार्थी अधिक जानकारी के लिए विवि की वेबसाइट www.hindivishwa.org देख सकते हैं या विवि के टोल फ्री. नंबर 18002332141 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
वर्धा शहर की दक्षिण दिशा में वर्धा बस अड्डा एवं वर्धा रेलवे स्टेशन से महज 6 किमी की दूरी पर नागपुर-यवतमाल हाइवे पर 212 एकड़ में अवस्थित इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावासों की सुविधा उपलब्ध है। पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत अनुकूल और पांच मनमोहक पहाडियों पर बसे इस विश्वविद्यालय का संपूर्ण परिसर वाई-फाई युक्त है। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा विश्वविद्यालय परिसर में निरंतर सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित होती रहती हैं। विद्यार्थी तकनीकी दृष्टि से सक्षम हो इसके लिए अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब, मीडिया तथा फिल्म स्टुडियों का निर्माण किया गया है। छात्रों को चिकित्सा सहायता भी दी जाती है। विदित हो कि भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम 1997, क्रमांक 3 के अंतर्गत स्थापित इस केंद्रीय विश्वविद्यालय में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों के अलावा अन्य देशों जैसे चीन, श्रीलंका, थाईलैंड, जर्मनी, जापान आदि देशों के भी विद्यार्थी अध्ययन-अध्यापन करने आते हैं।