मुंबई: महाराष्ट्र के सहकारिता, मार्केटिंग और कपड़ा मंत्री सुभाष देशमुख के सोलापुर शहर में बने बंगले पर विवाद खड़ा हो गया है. देशमुख का यह बंगला जिस जमीन पर बना है उसके बारे में कहा जा रहा है कि वो फायर ब्रिगेड और पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर बना है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार रिकॉर्ड देखने पर पता चलता है कि यह जमीन आवंटित है लेकिन इसके बावजूद सोलापुर नगर निगम के भवन निर्माण विभाग (बिल्डिंग परमिशन सेक्शन) ने दो बार निर्माण कार्य के लिए मंजूरी दी थी. पहली बार अप्रैल, 2004 जबकि दूसरी बार जुलाई, 2012 में यह मंजूरी दी गई थी. हालांकि दोनों बार यह मंजूरी इस शर्त पर दी गई थी कि आवंटन रद्द किए जाने को लेकर राज्य सरकार का अंतिम निर्णय इस जमीन के मालिक पर भी लागू होगा.
दूसरी बार मिली मंजूरी के तकरीबन 6 साल बाद भी यह जमीन आरक्षित है. सोलापुर नगर निगम के सिटी इंजीनियर ने अब देशमुख और इस बंगले के अन्य मालिकों को नोटिस जारी कर नगर निगम कमिश्नर अविनाश धकाने के सामने सुनवाई के दौरान पेश होने को कहा है.
दो बार स्थगित होने के बाद सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई. इसमें दोनों पार्टियों ने कमिश्नर अविनाश धकाने के सामने अपना पक्ष रखा. इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी. यह मामला सितंबर, 2000 का है. सुभाष देशमुख और 9 अन्य लोगों ने मिलकर 50 लाख रुपए में मजारेवाडी और सोलापुर के होटागी रोड से लगे दो एकड़ जमीन का सौदा किया था.
सोलापुर विकास योजना, 1978 और पुनर्विकास योजना, 1997 के अनुसार खरीदी गई यह जमीन तब भी आरक्षित थी. नवंबर, 2000 में देशमुख और इसके कुछ मालिकों ने सोलापुर नगर निगम के भवन निर्माण विभाग को पत्र लिखकर इसपर निर्माण की इजाजत मांगी थी.
नगर निगम ने इसपर जवाब देते जनवरी, 2001 में निर्माण कार्य की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. तब उसने कहा था कि यह जमीन दमकल विभाग और एक मिनी शॉपिंग सेंटर के लिए आरक्षित है.