महाराष्ट्र पुलिस की भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर पांच प्रमुख कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बाद हो रही आलोचनाओं के मद्देनजर शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों ने बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि इन कार्यकर्ताओं के पास से जब्त की गई चिट्ठियां और कागजातों से ये साबित होता है कि ये लोग माओवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे थे और उनके लिए हथियार और हथगोले खरीदने में भी उनकी मदद कर रहे थे।
बता दें कि महाराष्ट्र पुलिस ने बीते मंगलवार को सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फेरेरा, वरनन गोनसाल्वेस और पी वरवरा राव को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार किए गए इन 5 वामपंथी विचारकों का माओवादियों से संबंध है।
पुलिस ने इस धारणा को तोड़ने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की कि इस कार्यकर्ताओं को उनके विचारों के लिए गिरफ्तार किया गया है। महाराष्ट्र के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह ने कहा कि पुलिस को जब इनके संबंधों के बारे में प्रमाणिक तौर पर यकीन हो गया उसके बाद ही इन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
महाराष्ट्र पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) परमवीर सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि रोना विल्सन और भाकपा माओवादी के एक नेता के बीच एक ई-मेल पत्र में राजीव गांधी जैसी घटना के जरिए ‘‘मोदी राज’’ खत्म करने के बारे में कहा गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन को इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा गांव में हुई हिंसा के संबंध में जून में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा कि पत्र में ग्रेनेड लांचर खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने का भी जिक्र है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने माओवादियों के भूमिगत कार्यकर्ताओं और अन्य कार्यकर्ताओं के बीच आदान-प्रदान हुए हजारों पत्र जब्त किए हैं। सिंह ने बताया, “रोना द्वारा माओवादी नेता “कॉमरेड प्रकाश” को लिखे पत्र में कहा गया है: हमें यहां की वर्तमान स्थिति के संबंध में आपका आखिरी खत मिल गया है। अरुण (फरेरा) , वेर्नन (गोन्जाल्विस) और अन्य शहरों में चल रही मुहिम को लेकर समान रूप से चिंतित हैं।”
उन्होंने कहा, “पत्र में चार लाख राउंड वाले ग्रेनेड लॉन्चर की वार्षिक आपूर्ति के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत के बारे में भी कहा गया है।” सिंह ने कहा कि पत्र में प्रकाश से अपना फैसला बताने को भी कहा गया। सिंह ने पत्र के हवाले से कहा, “कॉमरेड किसन और कुछ अन्य कॉमरेड ने मोदी राज खत्म करने के लिए कुछ ठोस कदमों का प्रस्ताव दिया है। हम राजीव गांधी (हत्याकांड) जैसी ही अन्य घटना के बारे में सोच रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के बीच आदान-प्रदान हुए कुछ पत्रों में “कुछ बड़ा कदम” उठाने की योजना बनाने के बारे में भी कहा गया है, ताकि लोगों का ध्यान खींचा जा सके।
सिंह ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी एन साईबाबा को भी इसी तरह के सबूतों के आधार पर 2014 में गिरफ्तार किया गया था।