नागपुर: रामटेक तहसील के महादुला ( घोटी टोक ) गांव सहित आसपास के गावों में बिजली की भीषण समस्या है. महादुला में ४४ केवी बिजली क्षमता का उपकेंद्र मंजूर किया गया है, लेकिन २ वर्षों से जगह के आभाव के कारण यह स्थापित नहीं हो सका. नतीजतन गांववालों के साथ किसानों को कम क्षमता की बिजली से काम चलाना पड़ रहा है. इससे गांववालों के साथ किसानों को बिजली की भीषण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के महासचिव उदयसिंह उर्फ़ गज्जू यादव ने जानकारी दी कि वर्ष २०१५ के दिसम्बर में राज्य के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले खात में उपकेंद्र के उद्धघाटन अवसर पर घोषणा की थी कि उन्होंने रामटेक तहसील के महादुला ( घोटी टोक ) गांव सहित आसपास क्षेत्र की बिजली समस्या दूर करने के लिए उपकेंद्र मंजूर कर दिया है. शीघ्र ही यहां उपकेंद्र का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद स्थानीय विधायक मल्लिकार्जुन रेड्डी ने भी फरवरी २०१६ को एक जनता दरबार में उपकेंद्र के मंजूरी होने की जानकारी दी थी. इसके अलावा विभाग के कनिष्ठ अभियंता भी यही राग अलाप रहे हैं. लेकिन २ वर्ष बीतने के बाद भी आज तक उपकेंद्र की नींव तक नहीं रखी जा सकी जो निंदनीय है.
दरअसल महावितरण प्रशासन द्वारा स्थानीय नागरिकों को लगातार मुर्ख बनाए जाने का सिलसिला जारी है. जबकि सच्चाई यह है कि यादव जब मुख्य अभियंता रफीक शेख से मिले तो उन्होंने ही बताया कि महादुला ( घोटी टोक ) गांव सहित आसपास के क्षेत्र की बिजली समस्या दूर करने के लिए उपकेंद्र मंजूर ही नहीं किया गया है.
उल्लेखनीय यह है कि महादुला ( घोटी टोक ) के साथ मौदा तहसील के खात व निमखेड़ा गांव के लिए २ उपकेंद्रों को मंजूरी प्रदान की गई थी. इन दोनों गावों में उपकेंद्र स्थापित की जा चुकी है लेकिन महादुला ( घोटी टोक ) को अभी भी उपकेंद्र की प्रतीक्षा है. जबकि स्थानीय ग्रामपंचायत ने २८ जून २०१६ को उपकेंद्र निर्माण के लिए एक निजी व्यक्ति व राजस्व विभाग की सरकारी जमीन के प्रस्ताव के साथ निवेदन रामटेक स्थित उपअभियंता कार्यालय को दिया गय था. फिर इस कार्यालय के मार्फ़त २७ जुलाई २०१७ को कार्यकारी अभियंता मौदा विभाग व महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल कम्पनी लिमिटेड, नागपुर को पत्र भेजा गया.
नागपुर जिला ग्रामीण कांग्रेस कमिटी के महासचिव उदयसिंह उर्फ़ गज्जू यादव ने सरकार, ऊर्जा मंत्रालय व महावितरण प्रशासन को चेतावनी दी कि है कि शीघ्र ही उनकी वर्षों पुराने मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो वे तीव्र आंदोलन करेंगे। आज लगभग २५ गांव में ‘लो वोल्टेज’ है,दीया बत्ती जलाकर जीवनयापन किया जा रहा है.
– राजीव रंजन कुशवाहा