नागपुर: मकरसंक्रांति त्यौहार को मात्र २ सप्ताह शेष रह गया है. इस त्यौहार पर पारंपरिक तौर पर जमकर पतंगबाजी होती है. अभी से आकाश पर रंग-बिरंगे पतंग उड़ाते देखे जा सकते हैं.
जिसे देखते हुए मनपा अभी से नायलॉन मांजा पर प्रतिबंध को लेकर सक्रीय होते नजर आ रही है. लिहाजा मनपा स्वास्थ्य विभाग नायलॉन मांजा निर्मिति, बिक्री व उपयोग पर बंदी हेतु ४४ सेवानिवृत्त सैनिकों की टीम गठित कर निगरानी करेगी. २७ दिसंबर से मनपा का स्वास्थ्य विभाग नायलॉन मांजा की बिक्री-उपयोग के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने जा रहा है. इसके लिए ज़ोन निहाय पथक का गठन किया गया है. बावजूद इसके नायलॉन मांजे की खुलेआम बिक्री पर लगाम लगाना बड़ा लक्ष्य नजर आ रहा है.
मालूम हो कि मांजे के साथ ही साथ प्लास्टिक पतंगों की बिक्री भी बड़े पैमाने पर हो रही है. मकरसंक्रांति में पतंग उड़ाने का मजा ही कुछ और होता है. पतंग उड़ाते वक़्त पेंच लेने में धागा टूटे नहीं इसलिए नायलॉन मांजे का इस्तेमाल किया जाता है. नायलॉन मांजा मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हुआ होता है, इसलिए न्यायालय ने इस पर प्रतिबन्ध लगा दिया. पिछले वर्ष १०० से अधिक लोक नायलॉन मांजे से जख्मी हुए. कुछ पर अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आई.
इस सम्बन्ध में जिला प्रशासन मांजा निर्माण,बिक्री,उपयोग पर पाबंदी लगा चुकी है. फिर भी शहर के अमूमन सभी पतंग बिक्रेता नायलॉन मांजा की बिक्री कर रहे हैं. बंदी के कारण बिक्री ब्लैक में की जा रही है. शहर के थोक बाजार गांधीबाग,इतवारी आदि में धड़ल्ले से बिक्री जारी है.