नागपुर: युवा सेना उपजिला युवाधिकारी नितिन तिवारी व शहर युवाधिकारी प्रवीण पाटिल के नेतृत्व में विदर्भ लोकल ट्रक एकता मंच से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने आरटीओ अधिकारी व उनके दलालों की शह पर सड़कों पर दौड़ रही ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ प्रदर्शन किया और उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रवींद्र भुयार व ग्रामीण के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी वाडेकर को ज्ञापन सौंपा।
तिवारी ने आरटीओ अधिकारियों पर आरोप लगाया कि पिछले 4 माह से ओवरलोडेड वाहनों पर कड़क कार्रवाई संबंधी पत्र लिख मांग की लेकिन वे छिटपुट कार्रवाई दिखाकर मामला दबाते रहे. अर्थात स्वार्थपूर्ति के लिए संपूर्ण आरटीओ विभाग ओवरलोडेड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई मामले में उदासीन है. इसकी साफ़ वजह यह है कि आरटीओ अधिकारियों को ओवरलोड वाहन चलाने वाले अपने दलालों के माध्यम से प्रत्येक ओवरलोड वाहन के पीछे ‘घूस’ देते हैं, जिसे उनके भाषा में ‘एंट्री’ कहा जाता हैं. ‘एंट्री’ वसूली का कारोबार आरटीओ की फ्लाइंग स्क्वार्ड संभालती हैं.
1- ओवरलोड वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी के साथ ही साथ सड़कों की जर्जर हालत होती है.
2- सम्पूर्ण जिले से रोजाना लगभग 7000 ट्रक, टिप्पर व ट्रेलर आदि खनिजों की ढुलाई करते हैं. वह भी मंजूर भार क्षमता से दोगुणा परिवहन करते हैं. इसके लिए वे दलालों के माध्यम से आरटीओ के सम्बंधित अधिकारी व फ्लाइंग स्क्वार्ड को ‘एंट्री’ देते हैं. ‘एंट्री’ देने वालों के वाहनों की सूची आरटीओ अधिकारी और फ्लाइंग स्क्वार्ड के पास होता है.
3- आरटीओ व फ्लाइंग स्क्वाड के कर्मी वर्तमान में दादा, शभु, अन्नू, बबलू, फुकट, गोलू, बारई, अजय, वहीद, संदीप, गोलू राय, रोमी नामक दलालों के लिए सक्रिय है. इनके मार्फ़त आरटीओ व फ्लाइंग स्क्वाड लगभग 11000 ओवरलोड वाहनों से 3 करोड़ से अधिक की उगाही कर रहे हैं.
4- नागपुर विभाग के अन्य जिले भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गडचिरोली, वर्धा, अमरावती के लिए प्रति वाहन 3000 रूपए वसूले जाते हैं. प्रत्येक जिले में एक बड़ा दलाल है जो अपने जिले के छोटे-छोटे दलालों से वसूली कर आरटीओ अधिकारियों तक ‘एंट्री’ की राशि पहुँचते हैं. भंडारा में पप्पू, गोंदिया में जुनेद, गडचिरोली में राकेश मटिटवार, चंद्रपुर में रामेश्वर, वर्धा में तिवारी जैसे बड़े दलालों का दबदबा है.
6- ओवरलोड वाहन दौड़ने में डीएलआई, पीसीसी, मारोती, एसएससीएम जेके जैसी बड़ी कम्पनियां उक्त दलालों के माध्यम से ओवरलोड परिवहन करती है. ओवरलोड वाहन शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 बजे के पूर्व दौड़ा करती है.
तिवारी के अनुसार समय रहते उक्त दलाली प्रथा पर लगाम लगाते हुए ओवरलोड वाहनों की आवाजाही नहीं रोकी गई तो तीव्र आंदोलन किया जाएगा.