नागपूर– आमदार निवास में कोरोना मरीजों के लिए क्वारंटाइन सेंटर शुरू किया गया है.लेकिन इस सेंटर में अनेकों समस्या है. इन समस्याओ की तरफ पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने जिलाधिकारी रविन्द्र ठाकरे और मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे का ध्यानाकर्षण किया है.
उनका कहना है कि शहर और ग्रामीण भागों के संदिग्ध कोरोना बाधित मरीज यहाँ पर है. जो संदिग्ध मरीज इस सेंटर में भर्ती होता है, उस मरीज की रिपोर्ट अगर 14 दिनों में पॉजिटिव आयी तो उसे मेयो या मेडीकल हॉस्पिटल में भेजने के बाद उस मरीज के रूम को सैनीटाइज नही किया जाता है. पॉजिटिव मरीज को यहाँ से निकालकर जब हॉस्पिटल में भर्ती किया जाता है, तो पीडब्ल्यूडी और महसूल विभाग उसी रूम में दूसरे मरीजों को क्वारंटाइन करते है. जिसके कारण नेगेटिव मरीजों को भी पॉजिटिव होने का खतरा बढ़ जाता है. एक रूम के मरीज दूसरे रूम में जाकर बैठते है और खाना खाते है. इसके साथ ही एक साथ एक ही रूम में 4 से 5 मरीजों को रखा जाता है. इस बात की तरफ जल्दी ध्यान देने की जरूरत है.
ऐसे ही जो डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मचारी इस सेन्टर में अपनी सेवाएं दे रहे है,उनपर काम का तनाव बढ़ गया है.जिसके कारण वे अपना योगदान सही तरीके से नही दे पा रहे है. इसके साथ ही आमदार निवास में लावारिस श्वानों की संख्या भी बढ़ रही है. आमदार निवास की प्रत्येक इमारत में श्वानों के झुंड घूम रहे है. जिसके कारण इंसानो के साथ ही जानवरों में भी कोरोना होने का डर निर्माण हो गया है. इस क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती किए गए लोग नियमनानुसार रह रहे है कि नही इसकी जांच करना भी जरूरी है. इन सभी समस्याओ पर पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले नें ध्यानाकर्षण कर इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की मांग की है.