समता परिषद की शाला बंद आंदोलन को जिले का प्रतिसाद
बुलढाणा। खर्च में कटौती के नाम पर वित्त विभाग की प्रस्तुत ओबीसी शिष्यवृत्ति की पुनरावृत्ति फेर समीक्षा प्रस्ताव रद्द किया जाने, ओबीसी विद्यार्थियों की सम्पूर्ण 11 सौ करोड़ रुपये की बकाया शिष्यवृत्ति देने, एस.सी.एस.टी. विद्यार्थियों जैसा ओबीसी विद्यार्थियों को सभी अभ्यासक्रम में 100 प्रतिशत शिष्यवृत्ति व शुल्क वापस देने, सितम्बर 2010 के प्रस्ताव के अनुसार ओबीसी की जनगणना करने सहित अन्य माँगों को लेकर आज 8 दिसम्बर को अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद की ओर से स्कूल बंद आंदोलन किया गया था. इस आंदोलन में जिले के बहुतांश स्कूल व महाविद्यालयों के सभी कर्मचारी शामिल थे. इस कारण स्कूल तथा कॉलेजों में सन्नाटा पसरा पड़ा था. शहर के अनेक निजी स्कूल के संचालकों ने भी आंदोलन के समर्थन में अपने संस्थान बंद रखे.
इस बंद आंदोलन में महात्मा फुले समता परिषद के प्रा. सदानंद माली, प्रा. रवीन्द्र वानखेड़े, प्रा. रामदास शिंगणे, प्रा. सोभागे, प्रा. वानखेड़े, शेख रफीक शेख करीम, राहुल जाधव, अनिल मोरे, पिंटू जाधव, सोहन खंडारे, पुरुषोत्तम पालकर, राजेश लहासे, अजय दराखे, सुनील गोरे, वैभव इंगले, अभियंता सुरेश चौधरी, अरविंद सैतवाल, सिद्धांत सुसर, ज्ञानेश्वर मांजरे, ज्ञानेश्वर हरणे, आकाश ईटावा के साथ अनेक पदाधिकारी शामिल थे.