नागपूर: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को आरक्षण देने संबंधी ठोस आश्वासन के नाम पर चुनाव में वोट मांगे थे. लेकिन चार वर्षों बाद भी अपना वादा पूरा नहीं किया. जनता को झूठे आश्वासन देने वाले मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें जल्द से जल्द इस्तीफा देने की मांग कांग्रेस नेता, पूर्व सांसद नाना पटोले ने की.
पत्रकारों से चर्चा में मराठा समाज के आरक्षण के बारे में सकारात्मक निर्णय नहीं लिये जाने पर विदर्भ में आंदोलन तीव्र करने की चेतावनी दी. झूठे आश्वासन देने वाले सीएम विठ्ठल के दर्शन के लिए नहीं गये. पिछले 4 वर्षों में जनता के साथ केवल धोखाधड़ी ही की है. मुख्यमंत्री सभी मोर्चे पर असफल हुए हैं. अब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए. मुख्यमंत्री व मंत्री पाटिल को विवादास्पद बयान देना बंद करना चाहिए.
राज्य में जो भी घटनाएं हो रही उसके लिए मुख्यमंत्री माफी मांगे तथा आरक्षण के बारे में आश्वासन की बजाय एक्शन की मांग की. मराठा आरक्षण को राज्यभर में जो माहौल बना है, उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार है. सरकार ने समाज के साथ धोखाधड़ी की है.
मनुष्यवध का मामला हो दर्ज
यदि सरकार ने आरक्षण के लिए फालोअप किया होता तो आज उक्त स्थिति निर्माण नहीं होती. अब मराठा कार्यकर्ताओं को आरोप लगाकर समाज को बदनाम किया जा रहा है अब भी वक्त है, सरकार आरक्षण के मुद्दे पर गंभीरता दिखाये और समाज की मांगों का सम्मान करे. उन्होंने आरक्षण के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग से फालोअप नहीं करने का भी आरोप लगाया. मराठा समाज द्वारा अब तक 58 आंदोलन किये गए.
सभी आंदोलन बेहद अनुशासित व शांतिपूर्ण रहे. पिछले वर्षभर में सरकार ने कोई भी निर्णय नहीं लिया. इसकी बजाय मंत्री चंद्रकांत पाटिल मराठाओं को उकसाने जैसे बयान दे रहे हैं. मराठा समाज अपनी मांग के लिए दृढ़ है. आरक्षण की मांग के लिए काकासाहब शिंदे ने जलसमाधि ली. इसके लिए मुख्यमंत्री ही जिम्मेदार है. उनके खिलाफ मनुष्यवध का मामला दर्ज होना चाहिए.
जिम्मेदारी से हाथ झटक रही सरकार
राज्य सरकार ने 72000 रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा की है. इसमें मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण का झूठा आश्वासन दिया गया है. सरकार मामला न्यायालय में होने के नाम पर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झटक रही है.
इस मसले पर केवल राजनीति ही हो रही है. पत्र परिषद में जय जवान जय किसान संगठन के अध्यक्ष प्रशांत पवार, मराठा सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष विजयकुमार शिंदे, सतीश सालुके, उत्तम सालुके, अरुण बनकर, रविशंकर मांडवकर, अविनाश शेरेकर आदि उपस्थित थे.