मौदा (नागपुर)। मौदा के खंडविकास अधिकारी और पंचायत विस्तार अधिकारी से धक्कामुक्की और मारपीट तथा सरकारी संपत्ति का नुकसान प्रकरण में मौदा पुलिस ने धानला में और 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस प्रकरण में अभी तक कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है. 31 मई को गिरफ्तार किये लोगों में लक्ष्मण वातु वैरागडे (23), देवराव वैरागडे (30), रामपाल किरपान (38), गणेश शरबैया (44), टोनीराम निमजे (60), शंभु केकतपुरे (58), सुरेश हारोडे (42), खुशाल मते (40) का समावेश है.
इस प्रकरण में पहले पूर्व जि.प. उपाध्यक्ष तापेश्वर वैद्य, सरपंच अशोक पत्रे, पूर्व सरपंच अजय हारोड़े, ख़्वाजा शेख, प्रताप मारबते, मोहन धांडे, हीराचंद वैरागडे, विलास वैरागड़े को न्यायालय से जमानत नही मिलने से उन्हें सेंट्रल जेल नागपुर में भेजा गया है.
दूसरी ओर इस घटना के निषेध के लिए पं.स. कर्मचारियों ने कामबंद आंदोलन शुरू किया था. उन्हें नागपुर जिला परिषद महासंघ ने शनिवार को सपोर्ट किया था. लेकिन उस दिन सभी कर्मचारी काम पर आने से आंदोलन फेल हुआ. केवल मौदा में निषेध करके कामबंद रखा गया. इस प्रकरण में प्रशासन केवल एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप नागरिकों का है. प्रशासकीय अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग नागरिकों की है.
दोषी अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी?
धानला ग्रामसचिव दर्शना गायकवाड हमेशा ग्रामसभा में अनुपस्थित रहते है. उनके इस व्यवहार से ग्रापं पदाधिकारी और नागरिक तंग आये थे. सरपंच को विश्वास में न लेते हुए नियमबाह्य पद्धति महत्वपूर्ण निर्णय लेते है. इस काम से नागरिक परेशान हो गए थे.
इस प्रकरण में बिडिओ आदमने ने योग्य हल निकालकर लोकप्रतिनिधियों को नागरिकों का समाधान करना जरुरी था. लेकिन उन्होंने ऐसा नही किया, जिससे उन्हें नागरिकों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इस घटना के लिए बिडिओ और ग्रामसेवक भी उतने ही जिम्मेदार है. जिससे उनपर भी कार्रवाई करने की मांग की है.
इस प्रकरण में जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी पर प्रशासन की ओर से कोई भी कार्रवाई नही की. देखा जाय तो प्रशासन ने संपूर्ण जांच करनी थी. उसके बाद प्रशासन ने कदम बढ़ाना चाहिए था. ऐसी प्रतिक्रिया नागरिकों ने दी है. कानून हाथ में लेने वाले लोग जितने जिम्मेदार है, उतने ही जिम्मेदार उन्हें मारपीट और तोड़फोड़ करने के लिए उकसाने वाले अधिकारी भी है.