नागपुर: मेडिकल अस्पताल में रोज सैंकड़ों की संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। डॉक्टर से मिल कर इलाज करने के लिए लंबी लाइन लगाना यहां आम बात है। लेकिन इन दिनों र्गिमयों में मरीजों को लाइन में प्रतीक्षा करना बहुत भारी पड़ रहा है। दरअसल मेडिकल अस्पताल में लगे पंखे केवल ‘शो पीस’ बने हुए हैं। इससे मरीजों और परिजनों को पसीने से तरबतर होते और रूमाल या दुपट्टे से पंखा झलते देखा जा सकता है। सुबह उतनी तकलीफ नहीं होती लेकिन दिन चढ़ने के साथ पारा बढ़ने से तकलीफ बढ़ने लगती है।
गुरुवार को मेडिकल के सोनोग्राफी व क्ष-किरण वार्ड में यही हाल था। यहां बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। लेकिन पंखा तक बंद होने से यहां मरीजों के हाल खराब हो जाते हैं। खास बात है कि सोनोग्राफी सेंटर में विशेष तौर से गर्भवति महिलाओं का तांता लगा रहता है। उन्हें जी मचलाना, घबराहट आदि की समस्याएं आम होती हैं। लेकिन पंखा बंद रहने से गर्भवति महिलाओं का परिसर में हर मिनट गुजारना किसी यातना से कम नहीं होता। परिसर में खड़े मेडिकल अस्पताल प्रशासन के कर्मचारियों से पूछने पर उन्होंने बताया कि ये पंखे कई दिनों से बंद है। केवल यही नहीं मेडिकल के कई गलियारों में लगे पंखे यूं ही बंद रहते हैं। वार्डों में भी कई पंखे बंद रहते हैं। वार्ड के ही पंखे चालू रखने के लिए प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन ओपीडी में आनेवाले मरीजों को जब लाइन लगना पड़ता है तो बिना पंखा इंतेजार करना बहुत भारी पड़ता है।
हालांकि मेडिकल अस्पताल प्रशासनिक विभाग के हर कार्यालय में कूलर से लेकर पंखे कामकाजी समय के दौरान लगातार काम करते हैं। अधिकारियों के कक्षों में एसी लगे हुए हैं। मेडिकल में रखरखाव की जिम्मेदारी हालांकि पीडब्ल्यूडी विभाग के पास है, लेकिन इनकी मरम्मत की ओर ना तो अस्पताल प्रशासन के पास वक्त है और ना ही पीडब्ल्यूडी विभाग ही कोई जेहमत उठाने के लिए तैयार।