– दोषी ट्रवल्स एजेंसी पर लाखों रुपये की राजस्व चोरी का आरोप
नागपुर – वेकोलि महाप्रबंधक माजरी क्षेत्र में सक्रिय लघु वाहन आपूर्ति एजेंसी पर बड़ी ही तकनीकी दिमाग से राजस्व चोरी में लिप्त होने का आरोप मढ़ा जा रहा है ? जिला चंद्रपुर के वरोरा निवासी एक महिला सामाजिक कार्यकर्ता के नेतृत्व मे संयुक्त 200 हस्ताक्षरयुक्त मांगो का गोपनीय पत्र बतौर ज्ञापन चंद्रपुर के उप-परिवहन अधिकारी किरण मोरे को सौंपा है ?
जिसमें स्पष्ट किया गया है कि मध्यप्रदेश शासन के छिंदवाड़ा RTO मे पंजीकृत लघु चार पहिया वाहन क्रमांक MP-28TA-1672, MP-28,TA,1634,MP-28,TA,1666,MP-28,TA1659,MP-28-TA,6414 इत्यादी वाहनों का समावेश है.
उन्होने आगे ज्ञापन में बताया गया है कि मध्यप्रदेश शासन के परिवहन कार्यालय में रजिस्टर्ड वाहनों को महाराष्ट्र राज्य के चंद्रपुर के परिवहन कार्यालय में रजिस्टर्ड कराना जरुरी था ? परंतु लालची प्रवृत्ति आडे आने की वजह से यहां माजरी क्षेत्र मैन पावर मे धडल्ले से वाहनों की भागदौड़ शुरू है ?
यह काला कारोबार पिछले अनेक सालों से शुरू है ? नतीजतन महाराष्ट्र शासन के राजस्व का नुकसान बदस्तूर जारी है ? हालकि ज्ञापन के आधार पर चंद्रपुर के परिवहन अधिकारी श्री किरण मोरे ने जिस RTO इंस्पेक्टर के तरफ जांच के लिए सौंपा है ?
बताते है कि उक्त जांच निरीक्षक ने मात्र खानापूर्ति औपचारिकता पूर्ण करके आरोपी वाहन एजेंसी संचालक को मामले से बचने के लिये सक्रीय है ? तत्संबंध में शिकायतकर्ताओं का आरोप है.
वाहन सरगना के लिए RTO सक्रीय
यहां चंद्रपुर परिवहन कार्यालय में तैनात अधिकारी और निरीक्षक वेतनमान तो सरकार से लेते है ? परंतु राजस्व चोरी में लिप्त वाहन सरगनाओं के लिए काम करते हैं ?
बताते है कि इस चंद्रपुर जिले के परिवहन निरीक्षक और अधिकारियों का वेकोलि की माजरी एरिया,बल्लारपुर एरिया,चंद्रपुर एरिया की खदानों तथा कार्यालयों में जारी वाहन आपूर्ति ठेकेदारों की वाहनों की जांच नहीं की जाती है ? यदि मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दिया गया तो अनेक वाहन सरगनाओं तथा वेकोलि प्रबंधन को लेने के देने पड़ सकते हैं ?
उन्होंने मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दोषी वाहन एजेन्सियों पर ब्लैकलिस्ट की कार्रवाई करने की मांग की है,ज्ञापन की प्रति महाराष्ट्र राज्य शासन के बांद्रा पूर्व मुंबई मुंबई स्थित परिवहन आयुक्त को अग्रेषित की है ? जिसमे स्पष्ट किया कि परिवहन अधिकारियों और परिवहन निरीक्षकों की संदेहास्पद कार्यप्रणालियों की वजह से महाराष्ट्र परिवहन महामंडळ की खासी बदनामी हो रही है ?