नागपुर: राज्य में शुरू चुनाव प्रचार के बीच शिवसेना बीजेपी में ज़ुबानी जंग तेज़ है। सेना के मंत्री सररकार से इस्तीफ़े की बात कह रहे है इस पर वरिष्ठ संघ अभ्यासक और राजनितिक विचारक मा गो वैद्य ने सेना के रुख पर टिपण्णी करते हुए कहाँ है कि सेना के मंत्रियों को अगर इस्तीफ़ा देना है तो उसे जेब में रखकर प्रदर्शित करने का कोई अर्थ नहीं उसे देना भी पड़ता है। वैद्य के मुताबिक अगर सेना के मंत्री ऐसा कदम उठाते है तो इससे उनकी ही पार्टी में फ़ूट पड़ेगी।
नगरपरिषद और स्थानिक स्वराज संस्था में सेना -बीजेपी की राय भिन्न है इसलिए दोनों दल एक दूसरे के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ रहे है। प्रचार के दौरान कड़क और अनुचित शब्दों का इस्तेमाल होता है प्रत्येक दल शब्दों का इस्तेमाल अपनी संस्कृति के हिसाब से करते है। वैद्य ने कहाँ सेना के मंत्रियों द्वारा इस्तीफ़ा देगें ऐसा उन्हें लगता नहीं।
उधर मुंबई में वैद्य के बयान का जवाब देते हुए शिवसेना की प्रवक्ता नीलम गोरहे ने कहाँ की सेना के नेताओं की जेब में वैद्य सर की नज़र क्यूँ है यह वो नहीं समझ पा रही है। वैद्य जी वरिष्ठ विचारक है उनकी उम्र और अनुभव को देखते हुए उन पर प्रतिक्रिया देना उचित नहीं है।