Published On : Sat, Jun 6th, 2020

प्रवासी मजदूरों का दर्द ‘ फरिश्ते ‘ गीत खूब तेजी से वायरल हिट बन गया

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रियल लाइफ हीरो सोनू सूद ने किया ट्विटर पर साझा


मैं घर से दूर हूं… मैं बहुत मजबूर हूं …हां आप सही समझे मैं एक मजदूर हूं । प्रवासी मजदूरों के दुख- तकलीफों को लेकर एक गीत- खाली पेट- थके कदम , सिर पर गठरी , हाथ में बच्चे , पैदल चलते.. कौन हैं ? सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें महानगरों से अपने घरों की ओर सिर पर गठरी और गोद में बच्चे लिए पैदल लौट रहे गरीबों की श्रम पीड़ा को दिखाया गया है।

और फिल्म अभिनेता सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के लिए किसी फ़रिश्ते से कम साबित नहीं हुए इसका एक नज़ारा हाल ही में देखने को मिला।

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सोनू सूद ने विशाल शेलके के गीत ‘ फ़रिश्ते ‘ को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है । यह गीत 4 घंटे से भी कम समय में 90 लाख से अधिक लोगों ने देखा और तेजी से वायरल हिट बन गया। ट्वीट कर लोग इस गीत को टैग कर पूछ रहे हैं जो सोनू सूद कर सकता था वह आप भी तो कर सकते हैं ?

गौरतलब है विशाल शेलके नागपुर के संगीत निर्देशक हैं जो वर्तमान में मुंबई में काम कर रहे हैं इस गीत में उन्होंने लाकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां , उद्योग , धंधे बंद होने पर इन कारखानों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों के घर लौटने की श्रम पीड़ा को दर्शाया है और सोनू सूद उनके लिए एक फरिश्ता बनकर बन गए हैं।

टि्वटर के गाने को रिट्वीट किया और इसे वायरल हिट बनाते हुए साझा किया। इस कविता (गीत ) को गुलाम.एम. खावर द्वारा लिखा गया है और विशाल शेलके ने आवाज दी है। विशाल ने KM म्यूजिक कंजर्ववेटरी चेन्नई , ए. आर. रहमान संगीत संस्थान से संगीत सीखा है।

रवि आर्य

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