Published On : Wed, Nov 21st, 2018

मनपा की निष्क्रीयता से शहर बन रहा कूड़ाघर

Advertisement

नागपुर महानगरपालिका की कचरा मुक्त संकल्पना अड़चन में आ गई है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरा संकलन के लिए वैध कंपनी के लगाए गए नीले-हरे डब्बों की हालत जर्जर हो गई है. देखरेख के आभाव में शहर भर में छोटे-छोटे डंपिंग यार्ड तैयार हो गए हैं. इससे शहर ही किसी कूड़ेदान में तब्दील होता नजर आ रहा है.

शहर में मंगलवारी जोन से लेकर सभी १० ज़ोनों की स्वच्छता के मामलों को लेकर एक सी हालात है. जोन में तैनात स्वास्थ्य अधिकारी, निरीक्षक, जमादार, मनपा मुख्यालय में तैनात विभाग प्रमुख, समिति प्रमुख, मलेरिया फाइलेरिया विभाग सह ठेकेदार कनक पूरी तरह निष्क्रिय बने हुए हैं. मना शहरवासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ और मनपा राजस्व को चूना लगाने में लीन है. आलम तो यह है कि उक्त सभी को वेतन या मानधन कई महीने से नहीं दिया गया है.

Gold Rate
Monday 31March 2025
Gold 24 KT 90,500 /-
Gold 22 KT 84,200 /-
Silver / Kg 101,500 /-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मनपा स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों १२०० जोड़ी गीला-सूखा डस्टबिन लगाए थे. इनमें से सैकड़ों गायब हो चुके हैं. कई जगह ये टूट फूट चुके हैं.
इस पर विभाग प्रमुख से सवाल करने पर चुप्पी वे चुप्पी साधे रहे. दरअसल सभी सक्षम मनपा को चूना लगाने अर्थात खरीदी विषयों पर सक्रिय, देखभाल स्वच्छता मसले पर मौन रहना या फिर ऊपर की ओर इशारा कर अपना पल्ला झाड़ने की आदत में शुमार है.

इन सबसे परे कनक वजनदार कचरे उठाकर अपना बिल बढ़ाने में लीन है. नगरसेवक वर्ग इसलिए नहीं खिलाफत करते क्यूंकि इनकी ही सिफारिश पर कनक ने इनके कार्यकर्ताओं को नौकरी दी. इन कर्मियों पर दबाव भी नहीं बना पाते, बनाये तो सम्बंधित नगरसेवक चीखते हैं. अधिकारी-पदाधिकारी वर्ग लाभार्थी होने से नज़रअंदाज करते देखे गए.

अगले वर्ष कनक की टेंडर की मियाद समाप्त हो रही है. इसलिए नए सिफारिशों पर कनक ध्यान नहीं दे रही है. सिर्फ शांति से कार्यकाल समाप्त कर अटकी निधि को सरल तरीके से निकालने में ध्यान केंद्रित किए हुए है. तो दूसरी ओर नई निविदा या तौर तरीकों में बदलाव पर निर्णय लेने में खादी-खाकी के बीच मतभिन्नता होने से फ़िलहाल मामला अधर में है. वैसे मनपा प्रशासन ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिले निधि से अवैध शौचालय निर्माण करने में देश में अग्रणी रही हैं.

उल्लेखनीय यह है कि मनपा के मलेरिया फलेरिया विभाग प्रमुख का क़द महापौर और मनपा आयुक्त से ऊँचा नज़र आ रहा हैं.इसलिए कि वे इससे नीचे के अधिकारी-पदाधिकारियों के निर्देशों-सिफारिशों की नहीं सुनती.जबकि वे प्रतिनियुक्ति पर मनपा में तैनात है. दूसरी वजह यह है कि इस विभाग का कार्यालय शुक्रवारी तालाब के पास है. इस विभाग की ओर कोई झांक कर भी नहीं देखता. इसलिए भी कि विभाग प्रमुख किसी की नहीं सुनती अर्थात डेंगू की गिरफ्त में जकड़े नागपुर शहर को निजात दिलवाने के लिए मलेरिया फलेरिया विभाग निष्क्रिय साबित हो रहा है.

Advertisement
Advertisement