Published On : Mon, Jan 27th, 2020

अवैध होर्डिंग से मनपा को लगा लाखों का चूना!

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विज्ञापन विभाग प्रमुख के शह पर अवैध होर्डिंग से सालाना लग रहा मनपा को लाखों का चूना

नागपुर: नागपुर महानगरपालिका की आर्थिक हालात इतनी खराब है कि कर्मियों को 7वां वेतन आयोग के सिफारिश अनुसार वेतन नहीं दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर उम्मीद के अनुरूप आमदनी न होने के कारण वर्ष 2019-20 के प्रस्तावित बजट में 25% कटौती करनी पड़ी। ऐसे में मनपा अधिकारी खासकर विज्ञापन विभाग के अवैध होर्डिंग को संरक्षण देकर मनपा को सालाना लाखों का चूना लगाने का मामला सामने आया।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, होर्डिंग लगाने के लिए समय समय पर निविदा जारी की जाती है। इस क्रम में यशवंत स्टेडियम के पास चौपाटी के निकट, पंचशील चौक, वेरायटी चौक, खामला चौक, मेडिकल चौक से तुकडोजी पुतला चौक के निकट टी पॉइंट, मेडिकल चौक पेट्रोल पंप के बाजू आदि दर्जन भर से अधिक जगह के होर्डिंग की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी होर्डिंग का ढांचा खड़ा है। इन पर नियमित बाकायदा विज्ञापन भी लगाए जा रहे हैं। मनपा विज्ञापन विभाग में उक्त होर्डिंग का वस्तुस्थिति लिखित रूप से अंकित होने के बावजूद संबंधित होर्डिंग कंपनी खुलेआम व्यवसाय कर रही।

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गौरतलब है कि विज्ञापन विभाग के प्रमुख, विभाग से निलंबित होने के बाद अल्प मुद्दत में बहाल हो गए थे, जिसके पीछे कथित तौर पर राजनीतिक हस्तक्षेप माना जा रहा था। इन्हें विज्ञापन व बाजार विभाग का प्रमुख बनाया गया था। नियमों के अनुसार, एक बार निविदा मुद्दत खत्म हो गई तो तत्काल नई निविदा प्रक्रिया शुरू होती है और इस दौरान नई प्रक्रिया पूर्ण होने तक पुराने होर्डिंग कंपनी को अतिरिक्त शुल्क के बिना पर अतिरिक्त समय दिया जाता है। क्योंकि विज्ञापन विभाग व होर्डिंग कंपनी में गहरी सांठगांठ है, इसलिए नए टेंडर आज तक जारी नहीं हो पाए। विभाग के उक्त करती से मनपा प्रशासन को दोनों की मिलीभगत से सालाना लाखों में चूना लग रहा है।

इसी विभाग से संबंधित दूसरे घटनाक्रम में खामला चौक व काछीपूरा परिसर में मनपा की जगह पर होर्डिंग लगाने के लिए मनपा विज्ञापन विभाग ने 40 बाय 20 के 3 होर्डिंग लगाने की अनुमति दी। इसका स्थानीय नागरिक/करीबी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। मनपा ने उक्त शिकायतकर्ताओं की सिफारिश पर प्रस्तावित जगह के पीछे होर्डिंग खड़ा करवा दिया। इस घटनाक्रम से विज्ञापन विभाग ने मनपा प्रशासन को प्रति होर्डिंग 3 लाख सालाना का चूना लगाया। शिकायतकर्ता की ना हरकत पत्र लेकर होर्डिंग वाली कंपनी से विज्ञापन विभाग ने उनका अल्प फायदा करवा दिया।

उल्लेखनीय यह हैं कि ऐसे अनगिनत मामले हैं, जहाँ मनपा के अधिकारियों की शह पर वर्षों से चुना लगाने का सिलसिला जारी हैं। क्योंकि सत्तापक्ष पर प्रशासन पूर्णतः हावी हैं इसलिए उक्त अवैध कृत जारी हैं। ऐसे मामले अन्य आय देने वाली विभाग के भी हैं तो लाजमी हैं कि मनपा की कड़की मिटनी मुश्किल हैं, ऐसा ही आलम रहा तो कड़की के मध्य मनपा कर्मियों को देर-सबेर 7वां वेतन आयोग के सिफारिश अनुसार भले ही वेतन देना शुरू कर देंगे। ऐसा हुआ तो मनपा की आर्थिक हालात आज से ज्यादा बिगड़ जाएंगी। और हर वर्ष प्रस्तावित बजट पर आयुक्त की कैंची भी चलती रहेंगी।पिछली सरकार ने मनपा को संभालने के लिए उल्लेखनीय पहल किए थे। लेकिन मनपा के अधिकारी मनपा की आर्थिक तंगी से उबारने के लिए रत्तीभर भी प्रयास नहीं करते। अब देखना यह हैं कि सत्तापक्ष और प्रशासन उक्त मामले को कितनी गंभीरता से लेता हैं।

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