नागपुर: शहर में आवारा कुत्तों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी मनपा प्रशासन की हैं.लेकिन मनुष्यबल की कमतरता के साथ,सम्बंधित विभाग की निष्क्रियता के कारण शहरभर में आवारा कुत्तों का आतंक सर चढ़ के बोल रहा हैं.इससे अछूता महापौर का प्रभाग भी नहीं हैं.
महापौर सह सत्तापक्ष का मनपा प्रशासन पर मजबूत पकड़ नहीं होने के कारण सम्पूर्ण विभाग बेलगाम होते गई.आज यह आलम हैं कि किसी भी विभाग से सम्बंधित कोई मसला उपजे तो सत्तापक्ष के पदाधिकारी इधर-उधर ताकने सहित टटोलते नज़र आते हैं.नतीजा शहर की जनता सह किसी भी पक्ष के कार्यकर्ता हो या तो प्रशासन या फिर विपक्ष नेता कार्यालय को दस्तक दे रहे हैं.
इसी क्रम में रोजाना दर्जनों मामले लावारिश कुत्तों और बिना अनुमति के कुत्ते पाल आस-पड़ोस को अड़चन पहुँचाने वाले की शिकायतें मनपा मुख्यालय पहुँच रही हैं.मॉडर्न सोसाइटी,प्रताप नगर सह कोराडी मार्ग के एक स्कीम का मामला भी महापौर कार्यालय और सम्बंधित विभाग पहुंचा लेकिन शिकायत कर्ताओं को निराश लौटना पड़ रहा हैं.क्यूंकि विभाग में सम्बंधित अधिकारी नदारत रहते हैं और मिले भी तो कानून कार्रवाई करने में आनाकानी करते हैं.
दूसरी ओर न्यायालय ने हाल ही में आदेश दिया कि अब पालतू जानवरों से मनपा टैक्स वसूले।अब देखना यह हैं कि इस आदेश का पालना कब से शुरू करती हैं.न्यायालय के आदेश पर सत्तापक्ष सह मनपा के नगरसेवक की गंभीरता भी देखने योग्य रहेंगी।