मुंबई/नागपुर: एक आरटीआई आवेदन में पता चला है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस साल मई में सत्ता में अपने 2 साल पूरे होने के बाद अपनी उपलब्धियों के प्रचार के लिए प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों पर 35.58 करोड़ रुपये खर्च किए.
राजग सरकार ने 26 मई, 2016 को अपने कार्यकाल के 2 साल पूरे किए थे. आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने इस मौके पर देश भर के प्रमुख अखबारों में विज्ञापनों के प्रकाशन पर केंद्र द्वारा किए गए खर्च की सूचना मांगी थी. विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) की लोक सूचना अधिकारी रूपा वेदी ने 11,236 अखबारों में दिए गए विज्ञापनों के ब्यौरे मुहैया कराए. इनमें क्षेत्रीय भाषा के अखबार भी शामिल हैं.
डीएवीपी ने जो सूचना मुहैया करायी उसके अनुसार धनराशि ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया, विकास की रफ्तार, बढ़ता कारोबार, जन जन का उद्धार और राजग सरकार टू इयर्स से संबंधित विज्ञापनों पर खर्च की गयी. एक दूसरे आरटीआई आवेदन में गलगली ने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे वषर्गांठ पर किए गए विज्ञापन खर्च के ब्यौरे मांगे. डीएवीपी ने कहा कि कोई खर्च नही हुआ. उसने जवाब में कहा कि मनमोहन सरकार के दो साल पूरे करने पर डीएवीपी ने कोई विज्ञापन अभियान नहीं चलाया था.
इसी बीच गलगली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे विभिन्न विदेशी दौरे पर हुए खर्च की तरह विज्ञापनों पर किए गए खर्च की भी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक करने की मांग की. गलगली ने कहा, ‘‘यह बहुत हीं स्वागतयोग्य होगा अगर उनकी सरकार मितव्यतता की नीति का पालन करे और बेकार के खर्च ना करे.