नागपुर: सोशल मीडिया में ऑनलाइन ट्रोलिंग का शिकार आये दिन कोई न कोई बनते रहता है। हालहीं में भारतीय जनता पार्टी नागपुर की अध्यक्ष शिवानी दानी इसका शिकार हुई है। शिवानी ने हाल के दिनों में कश्मीर में सेना के साथ अलगाववादियों के समर्थक पत्थरबाजों के सामने आये विडिओ के ज़वाब में अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट की थी । देश की सेना के समर्थन में बनाएं गए इस वीडिओ को पहले यूटूयूब पर अपलोड़ किया गया जिसके बाद उसे शिवानी ने अपने फेसबुक पेज पर भी पोस्ट किया। शिवानी द्वारा 14 अप्रैल को पोस्ट किये गए विडिओ पर यूटूयूब में कई गंदे और बेहूदा कमेंट आये। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया गया उसे सार्वजनिक जीवन में इस्तेमाल करने में सभ्य आदमी को शर्म आ जाये।
शिवानी की पोस्ट पर किसी नज़ाकत नजीर भट्ट नामक शख्श ने मर्यादा की सीमाएं ही लाँघ दी इसमें एक के बाद एक दो कमेंट किये जिसमे उसने शिवानी के साथ भारतीय सेना और देश को भद्दी गालियाँ दी। किसी ज़ुबैर उस्फ नामक व्यक्ति ने भी ऐसी ही भाषा का प्रयोग किया। इस दोनों का जवाब देते हुए भी कुछ लोगो ने अपने कमेंट दिया पर उसमे भी मर्यादा के दायरे का उलंघन किया गया।
अभिव्यक्ति की आजादी का सशक्त माध्यम बन चुके सोशल मीडिया में दोहरी पहचान का इस्तेमाल कर कोई भी मर्यादा की सीमा लांघ सकता है। ऑनलाइन ट्रोलिंग इन दिनों ईमानदारी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों के लिए गले की हड्डी बन चुका है। इस मर्तबा ऑनलाइन ट्रोलिंग का शिकार हुई शिवानी दानी के मुताबिक उन्होंने देश के जवानों के समर्थन में बस अपना एक संदेश पोस्ट किया था उस पर बड़े वाहियात कमेंट आये। ऐसा होने के बाद कई लोगो ने उनसे पोस्ट हटाने का सुझाव दिया लेकिन उन्होंने इसे दरकिनार कर दिया।
दानी के मुताबिक ऑनलाइन ट्रोलिंग गंभीर समस्या बन चुकी है इस पर लगाम लगाई जानी चाहिए। आर्टिकल 21 के तहत हर कोई अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र है। इस तरह का व्यवहार ख़ास तौर से महिलाओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा निंदाजनक है इस पर लगाम लगाई जानी चाहिए। सोशल मीडिया में कुछ ऐसे लोगो का समूह बना हुआ है जो इस काम को अंजाम देते है।