नागपुर– रोजगार के लिए अन्य राज्यों से आए 1370 लोग नागपुर में फंसे हुए हैं. उनका यहां अपना घर नहीं है . गांव जाने के लिए यातायात के कोई साधन नहीं . काम बंद हो जाने से बेरोजगार हो गए. मनपा प्रशासन ने उन्हें सहारा दिया है . मनपा के 5 स्थायी और 15 अस्थायी शेल्टर होम में इन्हे रखा गया है . शेल्टर होम में विविध राज्यों के निर्वासित हैं, जिसमें मध्य प्रदेश के सर्वाधिक 688 लोग हैं. सबसे कम कर्नाटक का एक व्यक्ति है. मनपा प्रशासन ने सेवाभावी संस्थाओं के सहयोग से उनके दो वक्त के भोजन, नाश्ता, चाय का प्रबंध किया है . जब तक लॉकडाउन नहीं खुलेगा, तब तक उन्हें वहीं रहने का आह्वान किया गया है.
शेल्टर होम में रखे गए निर्वासितों में अधिकांश लोग रोजगार के लिए नागपुर आए थे . लॉकडाउन होने पर काम बंद हो गए . बेरोजगार हो जाने पर वे अपने गांव जाना चाहते थे, लेकिन ट्रेन, बस बंद हो जाने से यहीं फंस गए. पुलिस और मनपा प्रशासन ने ऐसे लोगों को शेल्टर होम में रहने और खान-पान का प्रबंध किया . कोरोना संक्रमण से बचने के लिए एक मीटर दूरी बनाए रखने के साथ ही मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है .
शेल्टर होम में रखे गए निर्वासितों में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो अन्य प्रदेशों से पैदल ही अपने गांव के लिए निकले थे . उन्हें नागपुर में रोककर शेल्टर होम पहुंचाया गया है.
कहां से कितने निर्वासित
राज्य – संख्या
मध्य प्रदेश – 688
विदर्भ – 296
राजस्थान – 159
उत्तर प्रदेश – 129
छत्तीसगढ़ – 35
बिहार – 8
तेलंगाना – 16
आंध्र प्रदेश – 4
कर्नाटक – 1
झारखंड – 13
हरियाणा – 12
ओडिशा – 4
अन्य – 5