नागपुर: गुजरात में होने जा रहा विधानसभा चुनाव काफ़ी अहम है। कही न कही देश में भविष्य की राजनीति को यहाँ से आने वाले चुनाव परिणाम तय करेंगे। नोटबंदी,जीएसटी के फैसले को जनता ने किस तरह लिया यह गुजरात से सामने आ ही जायेगा। इसके साथ ही 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले होने जा रहा यह चुनाव जितनी बड़ी राजनीतिक परीक्षा सत्ताधीश बीजेपी के लिए है उससे कहीं ज्यादा अहम कांग्रेस के लिए भी है। लगातार चुनाव हार रही कांग्रेस गुजरात के रास्ते दिल्ली की सत्ता वापस हासिल करने की कोशिश में साफ़ दिखाई दे रही है। उसे लगता है की केंद्र द्वारा लिए गए फैसलों से जनता में भारी रोष है और आगामी चुनाव में वह बीजेपी के विरोध में अपना मतदान करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार की माने तो गुजरात में कांग्रेस पार्टी की स्थिति काफ़ी मजबूत है और यहाँ सरकार अवश्य बनेगी। नोटबंदी,जीएसटी के फैसले ने जनता को बुरी तरह प्रभावित किया है लेकिन सत्ता में बैढे मगरूर लोग इस बात को अब तक नहीं समझ पाए है। उनके मुताबिक जिस माउथ पब्लिसिटी ने बीजेपी को सत्ता दिलाई थी अब वही उसे वहाँ से हटाएगी। व्यापारी वर्ग प्रभाव वाला है जो सीधे जनता से जुड़ाव रखता है। राज्य में पूर्व में लगे लोकल बॉडी टैक्स के खिलाफ व्यापारियों ने आंदोलन चलाया जिसका असर हुआ। अब जीएसटी को लेकर भी आंदोलन शुरू है और गुजरात इसका केंद्र है।
दीपावली के अवसर पर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक मिलन कार्यक्रम में उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की जिसमे गुजरात चुनाव खुल कर अपनी बात रखी। उनके मुताबिक नोटबंदी,जीएसटी के अलावा पाटीदार समाज की बड़ी भूमिका बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में होगी। यह समाज कई वर्षो से शांति से सरकार तक अपनी माँग पहुँचा रहा था जिसे बीजेपी लगातार नजरअंदाज कर रही थी। लेकिन अब इस समाज ने अपना मन बना लिया है। कांग्रेस बेहतर विकल्प के तौर पर उभर रही है।
कांग्रेस ने 2019 के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर चुकी है। जनता तक पहुंचने का सोशल मीडिया बड़ा और प्रभावी जरिया है इसलिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। राहुल गाँधी के पार्टी अध्यक्ष बनने की आ रही खबरों के बीच उन्होंने भी इस बात की तरफ संकेत दिया।