नागपुर: अपनी ही पार्टी के ख़िलाफ़ बगावत का बिगुल फुंकने वाले भाजपा सांसद नाना पटोले अपने पार्टी विरोधी अभियान को लेकर और आक्रामक हो गए है। नाना पटोले पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं का सम्मेलन लेने की तैयारी में है। अगर सब कुछ नाना के अनुसार हुआ तो अगले महीने की 15 तारीख़ को पुने में यह सम्मेलन होगा।
नाना का कहना है वह ऐसे नेताओं के संपर्क में है और यह सभी इस सम्मेलन में भाग भी लेंगे। इसके अलावा उन्होंने शुक्रवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुलाकात का समय भी माँगा है। नाना ने जानकारी देते हुए बताया की उन्होंने कुछ दिन पहले अपनी नाराजगी को व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था जिसका जवाब उन्हें अब तक नहीं मिला है। इसी से आहत होकर वह यह क़दम उठा रहे है। शिवसेना प्रमुख के अलावा उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी से भी मुलाकात का समय माँगा है।
किसान कर्जमाफी को लेकर सितंबर तक उचित क़दम न उठाने पर इस्तीफ़ा देने की धमकी दी थी। इससे पहले वर्ष 2009 में विधायक रहते हुए वो किसानो के मुद्दे पर कांग्रेस से अपने विधायक पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
क्यूँ अपनी ही पार्टी से नाराज़ है सांसद
भंडारा-गोंदिया संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद नाना पटोले अपनी ही पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए है। वह सार्वजनिक मंच से सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को आड़े हाँथो ले रहे है। दिल्ली में सांसदों के साथ प्रधानमंत्री की हुई बैठक में उन्होंने ओबीसी मंत्रालय की माँग को लेकर उन्होंने बहस भी की थी। इस बैठक का किस्सा सुनाते हुए नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान मोदी को किसी की बात न सुनने वाला नेता कहाँ था।
इस घटना के बाद वह लगातार पार्टी विरोधी अभियान में सक्रीय हो गए है। अपने इस तरीक़े पर भविष्य में होने वाले नुकसान पर अपना मत व्यक्त करते हुए वह कह चुके है की वह जनता के प्रतिनिधि है इसलिए जनता के सवालों पर लड़ रहे है। केंद्र और राज्य में अपनी ही पार्टी से नाराज़ नेता बहुत है लेकिन नाना हिम्मत दिखाकर बगावत करते दिखाई दे रहे है। नोटबंदी,जीएसटी के मुद्दे पर उन्होंने अपनी ही सरकार को सवालो के घेरे में खड़ा किया।