नागपुर: नागपुर शहर में २ प्रशासन( मनपा व नासुप्र ),४ विभागों (मनपा,नासुप्र,पीडब्लूडी व महामार्ग प्राधिकरण )के पास सड़क के देखरेख की ज़िम्मेदारी और २ बिजली वितरण एजेंसियों ( महावितरण व स्पैंको ) में काम बंटा होने से शहर की सम्पूर्ण अवस्था चरमराई हुई है. खास तौर से बिजली विभाग की दो एजेंसी जो सिर्फ शुल्क वसूलने व बिजली कनेक्शन काटने में ही विश्वास रखती है, उन्हें ग्राहक सुविधा का ध्यान रखने की जरा भी फुर्सत न होने के कारण सम्पूर्ण शहर ट्रांसफार्मर आदि की रक्षा का भार निसर्ग को उठाने पर मजबूर होना पड़ रहा है. शहर भर से अनेकों शिकायतें मिलने के बावजूद सम्बंधित विभाग सिर्फ अपने हिस्से का जिम्मा धकेल अपना पल्ला झड़कते आ रहा है. क्या महावितरण विभाग व स्पैंको किसी दुर्घटना के इंतज़ार में है?
सम्पूर्ण शहर में बिजली वितरण व्यवस्था महावितरण के माध्यम से होती हैं.जिन विभागों में अड़चनें थी उन्होंने उस विभागों को स्पैंको नामक ठेकेदार कंपनी को जिम्मा दे दिया। स्पैंको ने भी अपनी अड़चनों को दूर करने के लिए किसी एजेंसी को बकाया वसूली का जिम्मा दे कर अपना काम निकाल रही हैं.बिजली वितरण एजेंसी दो होने के कारने आए दिन बिजली वितरण व्यवस्था को एक दूसरे पर धकेला जाता है. सार्वजनिक समस्याओं में मनपा,नासुप्र,पीडब्लूडी व महामार्ग प्राधिकरण का सहयोग नहीं मिलने के कारण दर्शाकर ग्राहकों को दिक्कत दी जाती है.शहर के बाहरी इलाके में बिजली वितरण व व्यवस्था काफी दयनीय अवस्था में है. सार्वजानिक स्थलों पर बिजली विभाग के लगे उपकरण आदि आए दिन दुर्घटनाओं को आमंत्रण दे रहे हैं. अधिकांश जगह सार्वजानिक तौर पर लगाए गए उपकरण खुले में पड़े हैं. या टूटे-फूटे हैं या जंग लगे हुए हैं. बरसात के दिनों में चिंगारियां निकलनी आमबात है. अनेकों उपकरणों की रक्षा बरसात में उगने वाले जंगली पेड़-पौधे उपकरणों को लपेट कर कर रहे है. ऐसा भी देखा गया है कि इन उपकरणों के परिसरों की स्वच्छता न किए जाने से बिजली उपकरण इन्हीं पेड़-पौधों में छिप जाते हैं.
अधिकांश जगह सार्वजानिक जगहों पर लगाए गए उपकरण स्थल सुरक्षा के मद्देनज़र घिरे न होने के कारण सार्वजानिक शौचालय का रूप ले चुका है, जबकि बिजली और पेशाब दोनों के संपर्क में आने से करंट का झटका लगता है.
महावितरण व स्पैंको ग्राहकों को सुविधा देकर मासिक शुल्क वसूलने के बजाय मासिक शुल्क व बकाया वसूली पर ध्यान केंद्रित किए हुए है. विगत दिनों एक घटना के सन्दर्भ में न्यायालय ने बिजली विभाग को कड़क फटकार लगाई लेकिन आज तक उनके कानों पर जूं नहीं रेंगा.