Published On : Fri, Jul 24th, 2020

बिजली ट्रांसमिशन लाइन की अब ड्रोन से की जाएगी निगरानी

Advertisement

नागपुर: महाराष्ट्र की सरकारी बिजली कंपनी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड अब अपनी बिजली की लाइन और ट्रांसमिशन टावर का निरीक्षण ड्रोन के जरिए करेगी। महाराष्ट्र सरकार के ऊर्जा विभाग ने इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के सामने प्रस्ताव रखा था। जिसे वहां से हरी झंडी मिल गई है। लिहाजा अब एरियल सर्विलांस, बिजली लाइन तथा टावर का निरीक्षण ड्रोन से किया जाएगा, इससे ट्रांसमिशन लाइन से जुड़ी खामी को आसानी से पकड़ा जा सकेगा।

हाईटेक ड्रोन से होगी निगरानी
यह ड्रोन अल्ट्रा एचडी कैमरा से सुसज्जित होगा, जो काफी करीब से टावर के फोटो और वीडियो ले सकेगा। यह बिजली लाइन से जुड़ी खामी को समझने और रखरखाव में काफी मददगार साबित होगा। महाराष्ट्र में अब ट्रांसमिशन लाइनों की निगरानी ड्रोन से की जाएगी, रखरखाव एवं मरम्मत के कार्य को तेज गति से करने के लिए फैसला किया गया है।

Gold Rate
15April 2025
Gold 24 KT 93,500/-
Gold 22 KT 87,000/-
Silver / Kg - 95,800/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

देश की पहली कंपनी बनी एमएसईटीसीएल
महाराष्ट्र राज्य विद्युत पारेषण कंपनी के एडिशनल एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नीलेश श्रीकृष्ण डगवार ने बताया, ‘केंद्र की अनुमति मिलने के साथ ही महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड इस काम के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है’। इसका उपयोग करने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है। अब अति उच्च दाब लाइन के रखरखाव के साथ-साथ हाई ग्रेड पेट्रोलिंग, टावर पेट्रोलिंग , सर्वे आदि काम ड्रोन की मदद से किए जाएंगे। इससे समय पैसे एवं मनुष्य बल बचत होगी। इसके लिए प्रशिक्षित टीम तैनात कर दी गई है।

देश की सबसे बड़ी कंपनी है एमएसईटीसीएल
महाराष्ट्र सरकार की यह कंपनी देश की सबसे बड़ी पारेषण कंपनी है, प्रदेश में उसके 681 एचवी उप केंद्र है, 48321 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइन है, कंपनी के पास 127990 एमवीए परिवर्तन क्षमता है। ड्रोन में वीडियो कैमरे एवं थर्मोविजन कैमरे लगे है। इससे लाइन में आने वाली खामी तत्काल नजर में आ जाएगी और तुरंत मरम्मत भी संभव होगी। नई परियोजनाओं के संरक्षण के लिए ड्रोन उपयोगी साबित होंगे। इससे टावर के काफी नजदीक जाकर जांच करना संभव हो सकेगा। इस कार्य के लिए इसमें डायग्नोस्टिक टूल लगा है। इस ड्रोन को 50 मीटर तक उड़ाने की अनुमति है।

Advertisement
Advertisement