नागपुर: विश्व में अपने तरह का अनोखा त्यौहार नागपुर में मनाया जाता है। शहर में काली-पीली मारबत निकालने की परंपरा 1885 से शुरू है। ब्रिटिश काल में अंगेजो के दमन को दर्शाने का प्रतिक यह उत्सव आज भी वर्तमान बुराइयों के प्रदर्शन के तहत जारी है। नागपुर एकलौता ऐसा शहर है जो यह उत्सव पोले के अवसर पर मनाता है। आज जरुरत है इसे दुनिया भर के संस्कृति प्रेमी पर्यटको तक पहुचाने का पर अफसोस यह है कि राज्य की संस्कृति को प्रचारित करने वाला विभाग ही इस उत्सव को लेकर उदासीन दिखाई दे रहा है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया भर में जाकर भारत की संस्कृति का बखान कर पर्यटको को देश के प्रति रिझाने का प्रयास कर रहे है। कुछ ऐसी ही कोशिश राज्य को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की है।
राज्य के पर्यटन को बढ़ाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र टूरिजम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की है पर यही विभाग काली पीली मारबत उत्सव को लेकर उदासीन दिखाई दे रहा है। इस उत्सव के प्रचार प्रसार के लिए विभाग ने किसी भी तरह का प्रयास इस वर्ष नहीं किया। महज खानापूर्ति के लिए बीते वर्ष इस आयोजन का विभाग प्रायोजक था पर इस बार इस उत्सव में विभाग की तरफ से किसी भी तरह की हिस्सेदारी की रूचि नहीं दिखाई दी है।
विभाग की माने तो उन्होंने उत्सव को नैतिक रूप से साथ दिया है। विभाग का यह रुख उसकी उदासीनता दर्शाता है। राज्य के पर्यटन को बढ़ाने के लिए यह उत्सव मदतगार साबित हो सकता था अपने तरह के इस अनोखे उत्सव का गर प्रचार किया जाए इसके महत्त्व को देश दुनिया तक पहुंचाया जाये तो शायद पर्यटक नागपुर पहुंचे। लेकिन इस वर्ष भी यह उत्सव सिर्फ नागपुर और आसपास के कुछ भागो तक ही सिमित होकर रह जायेगा।