Published On : Tue, Nov 14th, 2017

मनपा यातायात अभियंता ने बिना जांचे जारी की थी निविदा : संजय बंगाले

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नागपुर: वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रा.कृ. पाटिल का नाम सविंधान चौक से लेकर हिस्लॉप कॉलेज तक जानेवाली सड़क को दिया गया है. लेकिन भाजपा की नगरसेविका रूपा रॉय ने स्वर्गीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रा.कृ. पाटिल का नाम बदलकर उसकी जगह कस्तूरचंद डागा का नाम देने का प्रस्ताव नागपुर महानगर पालिका में लाया था. इस बात का खुलासा होने पर शहर के नागरिकों ने इसका खुले तौर पर विरोध किया. इस विरोध के चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तुरंत इस मामले में दखल देते हुए रा.कृ. पाटिल का नाम बरकरार रखने के निर्देश नागपुर महानगर पालिका को दिए. मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों ने ही इससे जुड़े पदाधिकारियो को फटकार भी लगाई है. इस मामले को लेकर भी शहर के राजनीती के साथ ही आम नागरिकों में भी अनेक कयास लगाए जा रहे हैं.

इस बारे में भाजपा के नगरसेवक संजय बंगाले से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कस्तूरचंद डागा की 100वीं पुण्यतिथि नागपुर महानगर पालिका मना रही है. डागा के परिजनों की ओर से मनपा आयुक्त और अन्य पदाधिकारियों को पत्र दिया गया था और उसमे निवेदन दिया गया था कि डागा द्वारा दिए गए सहयोग को लेकर मनपा को विचार करना चाहिए और जहां वे रहते हैं उस सड़क को कस्तूरचंद डागा का नाम दिया जाए. सभापति ने इसके लिए पहल भी की थी. उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं थी. वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रा.कृ. पाटिल ने नौकरी छोड़ देश को अपनी 200 एकर जमींन भूदान में दान दी थी. बंगाले ने इस के लिए पूरी तरह से मनपा के यातायात अभियंता को जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि उन्हें पहले चेकलिस्ट करना चाहिए था और उसके बाद निविदा प्रकाशित करनी चाहिए थी. उनके विभाग और उनके कारण ही यह गलती हुई है.

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तो वहीं भाजपा महिला मोर्चा की शहर अध्यक्ष कीर्ति अजमेरा ने इस विवाद पर कहा कि जब भाजपा के बड़े नेताओं ने अपना पक्ष रखा है, नाम नहीं बदलने के निर्देश दिए हैं, तो विषय समाप्त हो गया है. नगरसेविका ने भी माफीनामा दिया है. यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया था और ऐसी गलतियां कई बार हो जाती हैं.

इस पुरे मामले में भाजपा की नगरसेविका प्रगति पाटिल ने अपनी बात रखते हुए बताया कि उन्होंने ही वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रा.कृ. पाटिल का नाम सविंधान चौक से लेकर हिस्लॉप कॉलेज तक जानेवाली सड़क को दिया था. जिस समय डागा उनके पास आए तो मैंने सीधे तौर पर उन्हें मना किया था और उनसे कहा था कि सामने की सड़क पर उनका नाम दे सकते है. पाटिल ने बताया की नगरसेवकों को इसके बारे में जानकारी भले ही न हो लेकिन सम्बंधित अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी होती है. जब नाम बदलने का प्रस्ताव मनपा में आया तो जांच कर तुरंत उसे खारिज किया जाना चाहिए था. पाटिल ने भी इस मामले में अधिकारियों की ही गलती मानी.

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