नागपुर: मनपा आयुक्त के अचानक छुट्टी पर चले जाने के कारण मनपा की आम सभा अगली तारीख तक स्थगित हो गई। सभा स्थगित होने के चलते कई अहम मुद्दों पर आम सभा की मंजूरी के लिए कुछ वक्त और इंतज़ार करना पड़ेगा। बुधवार को होने वाली आम सभा में नाग नदी का यूजर बदलने का भी विषय था। अब यह विषय मंजूरी के लिए आगामी सभा में रखा जायेगा। जापान की कंपनी जायका (जापान इंटरनेशनल कॉपरेशन एजेंसी) द्वारा नाग नदी के पुनर्रुद्धार के प्रोजेक्ट में निवेश की मंजूरी दिए जाने के बाद मनपा इस काम में भिड़ चुकी है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी के साथ जायका कंपनी के अधिकारियों के साथ हुई 29 अगस्त को हुई बैठक के समाचार के साथ नागपुर टुडे ने बताया था की,किसी भी नदी में कोई कार्य करने से पहले उसे नोटिफाई करना जरुरी है। नदी के नोटिफाई हो जाने के बाद नदी के अगल-बगल किसी भी तरह का निर्माणकार्य नहीं किया जा सकता। या जो निर्माण पहले किया जा चुका है उसे हटाया जाना जरुरी है।
मनपा के नगर रचना विभाग ने आम सभा में मंजूरी के लिए जो प्रस्ताव भेजा है उसमे इस शर्त का भी उल्लेख है। आम सभा में नदी का एमआरटीपी ( महाराष्ट्र रीजनल टाऊन प्लांगिग एक्ट ) के कलम 37 के तहत यूजर चेंज किये जाने का प्रस्ताव पास होने के बाद इसे राज्य सरकार के शहरी विकास मंत्रालय में मंजूरी के लिए भेजा जायेगा। जिसके बाद इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पायेगा।
लगभग 1252 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से शहर की नाग नदी के साथ पीली नदी को प्रदूषणमुक्त करने के साथ ही नदी के आस पास सौंदर्यीकरण किया जायेगा। लेकिन इस काम में सबसे बड़ी बाधा दोनों नदी के किनारे बने निर्माणकार्य है। कई स्थानों पर अवैध निर्माण भी है। नगर रचना विभाग ने दोनों नदियों के अंतर्गत आने वाले मनपा के ज़ोन ऑफिस और सिटी सर्वे विभाग को नदी के इर्दगिर्द बने निर्माणकार्य की रिपोर्ट देने को कहाँ है। दोनों मनपा अब नदियों के किनारे बने बीते वर्षो में हुए निर्माणकार्यो का सर्वे करेगी। जिसके बाद यहाँ बसे लोगों को विस्थापित या हटायें जाने को लेकर होने वाले काम का प्रारूप तैयार करेगी।