Published On : Sat, Aug 25th, 2018

असहमति के बावजूद सामूहिक फैसलों पर अटलजी करते थे यकीन – नितिन गड़करी

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नागपुर – नागपुर जिला भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान नई दिल्ली से विशेष तौर पर लाये गए अस्थिकलश का कार्यकर्ताओं ने दर्शन किये। श्रद्धांजलि सभा में राज्य के मुख्यमंत्री और केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गड़करी भी उपस्थित रहे। बीजेपी शीर्षपुरुष को याद करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम ने कहाँ की वो अटल से अविरल और अनंत से असीमित थे। उनमे अंकुश और आजादशत्रु दोनों भूमिकाएं थी। अटलजी जब हमारे बीच थे तो उनका होना ही हमें ऊर्जा देने के लिए काफ़ी था। अब जब उनके विचार हमें प्रेरणा देते है।

20 वी सदी में जिन नेताओं ने जनता का दिल जीता उनमे अटलजी प्रमुखता से शामिल है। उनके मन में जीवन भर राष्ट्र और राष्ट्रवाद की भावना रही। मुख्यमंत्री ने वाजपेयी की कविता हिन्दू मेरा तन मन भी पढ़ी और कहाँ की कवि अटल ने अपनी कविता में हिंदुत्व की व्याख्या की है। उन्होंने देश को सशक्त करने के लिए दुनिया से लोहा लेकर परमाणु परिक्षण किया। ले उनके अटल हौसले को प्रदर्शित करता था। अटल जी भले ही अर्थशाष्त्री न हो लेकिन उनके कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था का स्वर्णिमकाल था। वह अनुशासन प्रिय थे। और उनके ही कार्यकाल में देश की पॉपुलर योजनाए शुरू हुई।

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इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहाँ की अटल जी की सबसे बड़ी ख़ासियत थी की वो अपने फ़ैसले किसी पर थोपते नहीं थे। पार्टी की पार्लियामेंट बोर्ड उठने वाले कई मुद्दों पर वो असहमत होते थे लेकिन सामूहिकता से लिए गए फैसलों को ही मानते थे। ये व्यक्ति के उदार मन को प्रस्तुत करता है। विपक्ष से भी उनका संबंध था।

वो अक्सर कहते थे मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। यही लोकतंत्र को जिंदा रखेगा। अटल जी पार्टी के कार्यकर्ताओं का हृदय से नाता है। संगठनशास्त्र में काम किया और उसी संस्कार पर चलते हुए विश्व भर में प्रसिद्ध हुए। उनका लोतांत्रिक मूल्यों पर अटल भरोषा था।

इमेंजेंसी के दौरान देश के अन्य नेताओं के साथ वो भी जेल में रहे। लेकिन बहार आने के बाद जिसकी वजह से उन्हें पीड़ा उठानी पड़ी उसे कभी कुछ नहीं कहाँ। ऐसा सिर्फ बड़े मन का व्यक्ति ही कर सकता है। अटल जी से मैंने सीखा है की दरवाज़े पर खड़े हर व्यक्ति से मिलो भले ही कितने भी व्यस्त हो। श्यामप्रसाद मुखर्जी,डॉ दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शो को अपनाते हुए उन्होंने हमेशा अंत्योदय,सामाजिक और आधिकारिक न्याय का ही धेय रखा। उन्होंने जीवन के 80 वर्ष संघ,जनसंघ और बीजेपी में जो दिए वो हमारे लिए आदर्श है। हर कार्यकर्ता उनका पालन करे। बीजेपी सिर्फ नरेंद्र मोदी,अमित शाह,राजनाथ सिंह या नितिन गड़करी के फैंसलो से नहीं चलती। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है फैसले भी कार्यकर्ता ही लेते है।

रेशमबाग मैदान स्थित कवि सुरेश भट्ट सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में बीजेपी के सांसद,विधायक और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बीजेपी के हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे। अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम कर चुके आनंदराव ठवरे ने भी अपने उद्बोधन में अटल बिहारी को याद करते हुए। कार्यकर्ताओं को से उनके आदर्शो पर चलने की अपील की।

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