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नागपुर: होली को रंगों का त्यौहार कहा जाता है. एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियां बिखेरी जाती हैं. साथ में अबीर-गुलाल लगाकर छोटे बड़ों से आशिर्वाद तो हम उम्र एक-दूसरे को लगाकर गले मिलते हैं.
प्रभाग क्रमांक २६ अंतर्गत ३-४ परिवार होली त्यौहार के पूर्व विभिन्न रंग के रंगों का उत्पाद करने का व्यवसाय करते हैं. उक्त परिवार इन रंगों के निर्माण के लिए विभिन्न रंगों का इस्तेमाल करते हैं. सर्वप्रथम अरारोट में विभिन्न रंग मिलकर उसे खुले धुप में रखा जाता है. सूख जाने के बाद २५-२५ किलो की थैली बनाकर उसे इतवारी स्थित व्यापारियों को थोक भाव से बेच दिया जाता है. जहां उसकी ५० ग्राम से लेकर १ किलो के पैकेट तैयार किए जाते हैं. फिर ग्राहकों के लिए होली के दिन तक बिक्री की जाती है.