नागपुर: गणेशपेठ पुलिस ने बजरिया में एक किराए के मकान में नकली शैम्पू बनाने वाले कारखाने पर छापा मारा। पुलिस ने कारखाने से चार आरोपियों को हिरासत में लिया। कारखाने के अंदर से करीब 2.50 लाख रुपए का माल जब्त किया है। यह आरोपी कुछ समय पहले नागपुर में आगरा (उत्तर प्रदेश ) से कपड़े बेचने आए थे। कपड़े बेचते-बेचते नकली शैम्पू बनाने का कारोबार करने लगे। यह नकली शैम्पू बस्तियों और सैलून की दुकानों में ले जाकर बेचते थे।
गुरुवार को इस नकली शैम्पू बनाने वाले कारखाने के बारे में गणेशपेठ के थानेदार सुनील गांगुर्डे को गुप्त सूचना मिलने पर कारखाने पर छापा कार्रवाई की योजना बनाई गई थी। चारों आरोपियों को पुलिस ने एफडीए के हवाले कर दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार थानेदार गांगुर्डे कोे गुरुवार को जानकारी मिली कि बजरिया निवासी जे.तिवारी नामक व्यक्ति के मकान की तीसरी मंजिल पर 4-5 युवक किराए से रहते हैं। वह नकली शैम्पू बनाने का कारखाना चला रहे हैं।
दरअसल, वे ब्रांडेड शैम्पू की कंपनियों की बोतलों में अपने कारखाने का शैम्पू भरकर बेचते थे। थानेदार गांगुर्डे ने सहयोगियों के साथ छापा मारा। वहां से गफ्फार शौकत अली (23), शकील खान बशीर खान (26), सत्तार मलिक शौकत खान (25) और आमिन खान मोहम्मद (28) पीली पोखर आगरा (उत्तर प्रदेश) निवासी को हिरासत में लिया। इन सभी को एफडीए के सुपुर्द कर दिया गया है। कार्रवाई में थाने के उपनिरीक्षक ए आत्राम, नायब सिपाही आनंद, अजय गिरडकर, शरद चांभारे, अमित सातपुते, सिपाही आशीष बहाल ने सहयोग किया।
डिब्बे में शैम्पू भरते मिले चार
पकड़े गए चारों आरोपी डिब्बे में शैम्पू भरते हुए मिले। यह चारों कबाड़ी के पास से विविध शैम्पू की कंपनियों के खाली डिब्बे खरीदा करते थे। उन खाली डिब्बों में आयसल नामक लिक्वीड व पावडर डालकर कंपनी के ब्रांड के अनुसार उसमें गुलाबी, सफेद, पीला रंग मिलाकर अलग-अलग कंपनियों के नाम पर ग्राहकों को बेचते थे। इस कार्रवाई से शहर की दुकानों में बिकने वाले शैम्पू को लेकर भी सवाल खड़ा हो गए है कि कहीं नकली शैम्पू तो दुकानाें में नहीं बिक रहा है। नकली शैम्पू से भरे दो हजार से अधिक डिब्बे जब्त किए गए हैं।
आरोपी ब्यूटी पार्लर और सैलून में भी माल बेचते थे। हर रोज यह 25 लीटर से अधिक नकली शैम्पू तैयार किया करते थे। पहले यह नागपुर में 160 रुपए के रोजाना की दर से घूम-घूमकर कपड़े बेचा करते थे। नकली शैम्पू का कारोबार शुरू करने के बाद यह चारों घर से बाहर निकलना भी कम कर दिया था। सुबह होने पर माल तैयार करने में जुट जाया करते थे।