नागपुर: आपराधिक गतिविधियों और स्टेशन परिसर में यात्रियों का सामान चोरी कर रहे चोरों को पकड़ने की बजाय नागपुर लोहमार्ग पुलिस कर्मी अपनी जेबें भरने में लगे रहते हैं. चाहे पुरुष हो या महिला कर्मी, कोई भी अपनी जेब हल्की नहीं होने देता. ऐसा ही एक नजारा कैमरे में उस समय कैद हो गया, जब एक महिला जीआरपी कर्मी ट्रेन में चलने वाले एक अवैध वेंडर को रिश्वत के लिए खुलेआम थप्पड़ मार देती है. उक्त जीआरपी कर्मी का नाम नंदा माने बताया जा रहा है. वर्दी में होने के बावजूद रिश्वत मांग रही महिला पुलिस कर्मी को देखकर कुछ ने इसकी वीडियो रिकार्डिंग भी बना ली.
सूत्रों के अनुसार, वीडियो करीब 1 महीने पुराना है. इसमें साफ दिख रहा है कि माने एक अवैध वेंडर को सरेआम पैसे मांगते हुए थप्पड़ जड़ देती है. थप्पड़ खाने के बाद भी वेंडर डर के मारे माने के इर्द-गिर्द ही रहता है. दूसरी ओर, माने मोबाइल में लगातार बात भी करती दिखाई दे रही है.
इस दौरान ट्रेन का हार्न बजता है और वेंडर माने से अनुमति लेकर चला जाता है. हैरानी की बात कहें या माने की हिम्मत, इस दौरान प्लेटफार्म पर ट्रेन खड़ी है और अन्य यात्री भी देख रहे हैं, लेकिन माने ने रिश्वत मांगने से परहेज नहीं किया. हालांकि अभी माने का स्थानांतरण गोंदिया हो चुका है, लेकिन वीडियो से साफ है कि उसके जाने से पहले वसूली का दौर जारी रहा.
बढ़तीं चोरियों पर चुप्पी
स्टेशन पर कानून-व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी जीआरपी को सौंपी गई है. लगभग हर दिन ही मोबाइल चोरी की शिकायतें दर्ज हो रही हैं, लेकिन जीआरपी थाने को इसकी कोई चिंता नहीं. स्टेशन पर एक पीआई और 3 से अधिक एपीआई की नियुक्ति दी गई है, लेकिन चोरियां कम होने के बावजूद बढ़ती ही जा रही हैं.
शिकायतों में अव्वल
इससे पहले भी उक्त जीआरपी थाना अन्य कई वजहों से सुर्खियों में आ चुका है. एफआईआर के लिए शिकायतकर्ता से पैसों की मांग, यात्री की मौत पर परिजनों से एम्बुलेंस के लिए पैसों की मांग, मजदूर वर्ग के यात्रियों से अवैध वसूली, उत्तर भारत की ट्रेनों की जनरल बोगियों में यात्रियों से मारपीट कर उगाही करने जैसे कई मामले हैं जिनमें जीआरपी कर्मियों के नाम खुलकर सामने आये हैं.
SP के एक्शन बेअसर
उल्लेखनीय है कि इन दिनों नागपुर जीआरपी की कमान एसपी अमोघ गांवकर के हाथों में है. अपने सख्त रवैये के चलते उन्होंने कई मामलों में जीआरपी कर्मियों पर एक्शन भी लिए और विभागीय कार्यवाही भी की. लेकिन बावजूद इसके माने और उनके कुछ साथियों पर एसपी गांवकर का कोई डर और कार्यवाही का असर नजर नहीं आता. माने की इस प्रकार की अवैध वसूली से तय है कि जीआरपी की छत्रछाया में ही स्टेशन पर अवैध धंधे फलफूल रहे हैं और अपराधियों को पूरे मौके मिल रहे हैं.