नागपुर – शहर के विकास को गति देने वाली अहम परियोजना नागपुर मेट्रो के रूप में शुरू है। इसे साकार कर रही कंपनी नागपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और महा मेट्रो का दावा है की मांझी मेट्रो ग्रीन मेट्रो होगी। ठीक इसी तरह प्रयास हो रहा है की नागपुर को ग्रीन सिटी के रूप में विकसित करने का,इसके लिए शहर भर में कई जगहों पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम शुरू है।
नागपुर मेट्रो ने भी इस अभियान का हिस्सा बनते हुए अब तक लगभग 6 हजार पेड़ लगा चुकी है। गौरतलब हो की मेट्रो के निर्माणकार्य के लिए शहर भर में 11 सौ वृक्षो को क्षति पहुँची। नियम के मुताबिक किसी भी विकास काम में पेड़ों को काँटने के ऐवज में पांच पेड़ लगाने पड़ते है। इस हिसाब से देखे तो मेट्रो एक पेड़ के बदले लगभग 8 पेड़ लगा रही है। अब तक मेट्रो द्वारा 6 हज़ार पेड़ लगाए जा चुके है और लगभग 11 हजार पेड़ो को लगाने का लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है।
शनिवार को अंबाझरी वन क्षेत्र की 130 एकड़ जगह में ६ हजार पेड़ों के लगाने के अभियान का महा मेट्रो के महाप्रबंधक बृजेश दीक्षित ने शुरुवात की। इस जगह पर यहां पीपल, बरगत, हरडा, चिरोल, शमी, रीठा, महारुख, नीम आदि 36 प्रजाति के पौधे लगाये जा रहे हैं।
अंबाझरी में मेट्रो द्वारा रुद्राक्ष से लेकर चंदन सहित विभिन्न प्रजाति के पौधों का प्लांटेशन करेगी। इस जगह के अलावा मेट्रो को “लिटील वूड एक्सटेंशन” साकार करने के लिए वन विभाग द्वारा 130 एकड़ जगह भी उपलब्ध करायी गयी है। इसके पहले महा मेट्रो द्वारा, हिंगणा मार्ग पर लिटील वूड की 75 एकड भूमी में विभिन्न प्रजातियों के 5 हजार से अधिक पौधे लगाये गए है। ये सभी पौधे फलदायी,वनस्पति,और पर्यवारण संतुलन बनाने में सहायक साबित होंगे। मेट्रो को अमरावती मार्ग में प्राप्त जगह पर चंदन और रुद्राक्ष के पौधों के साथ गुलमोहर, अमलतास,नीम ब्लैकबेरी,आम,जैकफ्रुट,गुलाब,मोगरा के पेड़ लगाए जायेगे।
शहर की परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने में मेट्रो परियोजना भविष्य में फायदेमंद साबित होगी। मुंजे चौक से पारड़ी, खापरी, हिंगणा व कामठी रोड़ के लिए मेट्रो रेल चलाई चलेगी। ऐसे में सड़कों के बीच से 40 फीट उंचाई पर एलीवेटेड रुट तैयार किया जा रहा है। वैसे तो परियोजना सड़क के ऊपर एलीवेटेड रूट पर ही साकार हो रही है। लेकिन इसका कुछ हिस्सा ज़मीन पर भी होगा। कई सकरे मार्गो पर भी आड़े आने वाले पेड़ों को हटाया गया है। इस काम के लिए मेट्रो ने वन विभाग व एनएमसी से अनुमती भी ली। जिसके बदले में उन्होंने इससे 5 गुणा ज्यादा पेड़ लगाने का वादा भी किया। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के तहत 11 सौ पेड़ों को काटा गया है। लेकिन मेट्रो प्रशासन इसके बदले 11 हजार पौधे लगाने का आश्वासन दे रहा है। दीक्षित की अब आड़े आने वाले पेड़ों को तोड़ने की बजाये उनके हस्तांतरण का काम किया जा रहा है।