नागपुर: नागपुर मेट्रो को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. यह देश की सबसे तेज दौड़नेवाली मेट्रो ट्रेन साबित होगी. जब बात माझी मेट्रो की आती है तो इसमें हम पहले नंबर पर बने रहना चाहते हैं, जो इससे पहले कभी नहीं हुआ. लेकिन कुछ अधपकी खबरों के कारण लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है जो गलत है. यह प्रतिक्रिया महामेट्रो के प्रबंध निदेशक डॉ. ब्रजेश दीक्षित ने नागपुर टुडे की कार्यकारी संपादक सुनीता मुद्लियार के साथ विशेष बातचीत के दौरान दे रहे थे.
डॉ. दीक्षित ने कहा कि मीडिया के कुछ सेक्शन में नागपुर मेट्रो के 25 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने की खबरें सामने आई हैं, जो पूरी तरह से अधूरी खबरें हैं. उन्होंने कुछ तथ्यों का खुलासा किया है कि जिसमें वे बताते हैं कि नागपुर मेट्रो के कोच चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कॉर्पोरेशन में बनाए जाएंगे. जिसने अन्य प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ते हुए नागपुर मेट्रो के लिए 25 कोट बनाने का निर्णय लिया है. (सीआरआरएससी ने टीटागढ़ वैगन और बीईएमएल जैसी कम्पनियों को पीछे छोड़ यह काम हासिल किया है)
सीआरआरएससी की क्षमता लोकोमोटिव से लेकर रोलिंग स्टॉक्स के निर्माण की भी है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक लोकोमोटिव, डीजल-इलेक्ट्रिक और डीजल-हायड्रोलिक लोकोमोटिव जो 280 किलोवैट से 10 हजार किलोवैट की मेनलाइन और शंटिंग में चलती है, को बनाती है. यही नहीं हाईस्पीट ट्रेनें जिसकी 350 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार होती है के साथ शहरी ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था के लिए डीएमयू और ईएमयू भी बनाती है. अगले सप्ताह नागपुर मेट्रो रेल कोच की डिजाइन का अनावरण किया जाएगा. इसके बाद उसका उत्पादन होगा जो नागपुर मेट्रो के लिए सितंबर 2018 में सेवा में लाई जाएगी.
लेकिन जब तक यह बनाए जा रहे हैं इस दौरान हमने हैदराबाद मेट्रो से ये कोच ले लिए, यह भी अपने आप में देश में पहली बार हुआ है. फिलहाल ये अब तक ये हमारे बेड़े में शामिल है जो वर्तमान में 25 किलोमीटर प्रतिकिलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाई जा रही है, वह भी बहुत कम समय के लिए. बाद में हैदराबाद के इन कोचों को भी हमारे तय 90 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार की क्षमता से चलाया जाएगा.