Published On : Fri, Jun 15th, 2018

नागपुर हत्याकांड मामला – जेल में विवेक के साथ बंद आरोपियों की पुलिस कर रही तलाश

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नागपुर: अपने सगे बेटे की साथ बहन के परिवार की सामूहिक हत्या करने वाला आरोपी विवेक पालटकर अब भी फ़रार है। नागपुर पुलिस द्वारा उसकी सरगर्मी से शुरू तलाश किये जाने के बाद भी उसका अब तक कही पता नहीं चल पाया है। पुलिस कई एंगल को ध्यान में ऱखकर आरोपी की तफ़्तीश में जुटी है। पुलिस को शक है की उसे आपराधिक पृस्ठभूमि से आने वाले उसके परिचित ही मदत कर रहे है। वर्ष 2010 में अपने गाँव के पैतृक घर में पत्नी की निर्ममता से हत्या किये जाने के बाद आरोपी को उम्रकैद की सज़ा हुई थी। विवेक से नागपुर सेंट्रल जेल में इस अपराध में पांच वर्ष सज़ा कांटी। इस दौरान उनके जेल में बंद अन्य गंभीर आपराधिक प्रवृति के आरोपियों से जान पहचान और दोस्ती हुई। पुलिस को शक है की यही आरोपी उसकी मदत कर सकती है।

पुलिस ने सेंट्रल जेल में तफ़्तीश की जिसमें पता चला की विवेक की उसी के बैरक में रहने वाले तीन आरोपियों तिरुपति,अब्दुल फ़ारुख़ और विजय मोहोड़ से गहरी दोस्ती हो गई थी। ये तीनों भी विवेक की ही तरह हत्या के मामले में सज़ा भुगत रहे थे। ये तीनों इस समय जेल से बाहर है। ऐसे में संभव है की इन तीनों की मदत से विवेक कहीं छुप कर बैठा हो। पुलिस इन तीनों आरोपियों की हिस्ट्री निकालकर इनसे भी विवेक के बारे में पूछताछ करने की तैयारी में है। जेल में सज़ा भुगतने के दौरान अपराधियों में गहरी दोस्ती हो जाती है और समय समय पर ये लोग एक दूसरे की मदत भी करते रहते है।

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फ़रार विवेक की तलाश के लिए नागपुर पुलिस की टीम कई राज्यों में उसकी तलाश में जुटी है। आरोपी का पुराना रिकॉर्ड बताता है की वो ज़्यादा मिलनसार नहीं है इसलिए किसी से बातचीत भी नहीं करता। वो फ़िलहाल मोबाईल फ़ोन का भी इस्तेमाल नहीं कर रहा जिससे की उसका लोकेशन ट्रेस किया जा सके। इस सब कारणों से उसे पकड़ने में ज़्यादा मुश्किल हो रही है।

आश्रय को तरस रही आरोपी की मासूम बेटी
एक साथ पांच हत्याओं के आरोपी को ज़ल्द पकड़ने का एक किस्म का सामाजिक दबाव भी नागपुर पुलिस पर है। पुलिस का कहना है जाँच सही दिशा में है और जल्द आरोपी गिरफ़्त में होगा। संपत्ति के विवाद में अपने जीजा,बहन,जीजा की माँ और बच्चों के साथ अपने ख़ुद के सात वर्षीय मासूम बालक कृष्णा को निर्ममता से मौत के घाट उतारने के आरोपी को इस हत्याकांड में बची ख़ुद की मासूम बालिका वैष्णवी का भी ख़्याल नहीं है जो इस समय आश्रय के लिए दर दर भटक रही है। फ़िलहाल पुलिस की कस्टड़ी में मौजूद वैष्णवी को कोई रिश्तेदार साथ ऱखने को तैयार नहीं है। इसलिए उसे सुधारगृह रखे जाने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जा रहा है।

जादू टोने के चलते वारदात को दिया अंजाम ?
बीते रविवार शहर के आराधना नगर ईलाके में बीजेपी कार्यकर्ता कमलाकर पवनकर के परिवार को मौत के घाट उतारने वाले उनके ही साले को लेकर कई रहस्यमय बातें सामने आ रही है। कुछ मिडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से जो जानकारी सामने आ रही है। उसमे ऐसा कहाँ गया है की हत्या के पीछे की वजह जादू टोन के चलते भी हो सकती है। जब यह जानकारी पुख़्ता हो गई की पांच हत्याओं की वरदात को विवेक ने ही अंजाम दिया था उसके बाद पुलिस द्वारा ख़रबी ईलाके में चामट लॉन परिसर में बीते चार महीने से किराये के माकन में रह रहे विवेक की घर की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान पुलिस को उसके घर में ऐसी सामग्रियाँ बरामद हुई है जिनका इस्तेमाल जादूटोन में किया जाता है। विवेक ने अपने घर के कैलेंडर में हत्या की वारदात को अंजाम देने वाली तारीख में मार्किंग कर रखी थी।

अक्सर चुपचाप रहने वाला विवेक बस्ती में किसी से न तो ज़्यादा बात करता था और न ही घुलता मिलता था। लेकिन एक जो चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक उसकी जड़ीबूटी बेचने वालों से गहरी दोस्ती थी। वो अक्सर उसने बात करते देखा गया था। ख़ास है की इस वारदात के बाद से जड़ीबूटी बेचने वाले भी फ़रार है।

भागने के लिए पहले ही कर लिया था पैसे का इंतज़ाम
एक जानकारी यह भी सामने आयी है की विवेक से सिर्फ तैश में आकर हत्या की वारदात को अंजाम नहीं दिया। उसने बाकायदा इसके लिए प्लानिंग की थी। उसने एक प्लान बनाया था जिसके तहत उसे वारदात को अंजाम देने के बाद फ़रार हो जाना था। इसके लिए उसने बाकायदा पहले से ही पैसे का इंतजाम कर लिया था। गाँव में अपनी 10 एकड़ खेती में से कुछ हिस्सा उसने गाँव के ही एक व्यक्ति को एक साल खेती के लिए किराये से दिया था। किराये की पहली किश्त के रूप में उसे 24 हज़ार रूपए भी मिले थे। साथ ही उसे मई महीने की,बतौर सेक्युरिटी गार्ड मिलने वाली पगार बैंक एकाउंट में जमा हुई थी। उसे भी उसने पहले ही निकाल कर अपने पास रख लिया था।

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