नागपुर: लोकसभा और विधानसभा के चुनावों को भले ही अब काफी समय बचा हुआ हो, लेकिन राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में शहर की आबोहवा को भांपकर अब भाजपा की ओर से विरोधियों को भी साथ में लाने की जुगत की जा रही है. इसका जीताजागता उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब मनपा में भाजपा के गत कार्यकाल में निर्दलीयों को सत्तापक्ष के साथ लाकर भाजपा को मजबूत बनाने में मुख्य भूमिका निभाने के बाद अचानक विरोध में जानेवाले पूर्व महापौर किशोर डोरले की भेंट मुंबई स्थित मुख्यमंत्री निवास वर्षा में सीएम देवेन्द्र फडणवीस के साथ कराई गई. सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि निकट भविष्य में आनेवाले चुनाव भाजपा के लिए पहले की तरह आसान नहीं है. कड़ी टक्कर होने के कारण निर्दलीय रूप से वजूद रखनेवाले कई लोगों को साथ में लिया जा सकता है, जिससे अभी से इस प्रक्रिया पर अमल किया जा रहा है.
लालबाग के राजा के दर्शन का बहाना
इस संदर्भ में पूछे जाने पर डोरले ने बताया कि मुंबई में लालबाग के राजा के दर्शन करने की उनकी इच्छा थी. कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मुंबई जाने पर मुख्यमंत्री से भी भेंट लेने की इच्छा कार्यकर्ताओं द्वारा जताई गई लेकिन सूत्रों के अनुसार भाजपा से मोहभंग होने के बाद जिस तरह से उनकी ओर से भाजपा का विरोध होता रहा, उससे यह वक्तव्य मेल नहीं खाता है.
इसके अलावा हमेशा ही व्यस्त रहनेवाले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ उनकी लगभग एक घंटे की मुलाकात सामान्य नहीं मानी जा सकती है. सूत्रों के अनुसार मनपा में मेयर इन काउंसिल पद्धति के दौरान डोरले की मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ काफी नजदीकी रही है. साथ ही हमेशा अलग-अलग प्रभागों से लड़कर जीतने के कारण उत्तर, मध्य और पूर्व में उनकी अच्छी खासी पकड़ है. अत: इसे भुनाने का काम किया जा सकता है.
कई स्थानीय नेता भी साथ
मुख्यमंत्री के साथ उनकी मुलाकात सामान्य नहीं होने का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनके साथ इस दौरान भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष पारधी, स्थायी समिति के पूर्व सभापति रमेश सिंगारे, बंडू पारवे और अन्य नेता भी साथ में थे. जानकारों के अनुसार मध्य में हलबा समाज का काफी वर्चस्व है लेकिन हलबा समाज के जाति प्रमाणपत्र मामले से चल रही नाराजगी को देखते हुए चुनाव के दौरान इसके असर को कम करने की कोशिश की जा सकती है.