Published On : Tue, Dec 27th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

Watch Video : स्टिंग ऑपरेशन में 9 लाख की रिश्वत मांगते हुए पकड़ा गया नागपुर ग्रामीण पुलिस अधिकारी

नागपुर। नागपुर ग्रामीण के भिवापुर थाने पर तैनात तथा एक भूमि विवाद मामले में जांच करने वाले पुलिस अधिकारी को 9 लाख रुपए कि रिश्वत की मांग हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। दरअसल यह रकम आरोपी ने एक अभियुक्त के पक्ष में मामला निपटाने हेतु खुद के एवं अपने दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए रिश्वत के तौर पर मांगी थी। गुप्त कैमरे के माध्यम से यह स्टिंग ऑपरेशन चलाया गया।

‘वकील का दो लाख रुपए तुम्हारा किराया… हम तीन लोगों का तीन पकड़ लो नौ लाख रुपए’ यह बातें कहते हुए संबंधित अधिकारी स्टिंग ऑपरेशन में पकड़ा गया। ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया कैमेरा नदीम मिर्ज़ा बेग ने रखा था।

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अधिकारी के तीन वीडियो क्लिप सामने आए हैं जिनमें से दो में उसे रिश्वतखोरी के खिलाफ सख्ती से बात करते हुए भी सुना जा सकता है। लेकिन तीसरे वीडियो में उसे साफ तौर पर खुदके के तथा एसपी एवं अतिरिक्त एसपी अधिकारी के लिए रिश्वत मांगते हुए सुना जा सकता है।

सिविल वेश में नज़र आ रहे अधिकारी रिश्वत मांगते समय अपने पुलिस स्टेशन में थे। अधिकारी को ‘नागपुर वालों का रोल ख़तम, उनको मैं देख लूंगा यह कहते हुए भी सुना गया। उनको साल में एक बार देखना पड़ता है, अभियुक्त ने कहा।

एक अंदरूनी सूत्र के अनुसार, अधिकारी का मतलब शायद यह था कि वह एसपी और अतिरिक्त एसपी से किसी भी प्रश्न को संभाल लेगा, क्योंकि साल में केवल एक बार उसे उनकी आर्थिक मांगों को पूरा करने की आवश्यकता होती है। तमाम क्लिप में से एक में, संबंधित अधिकारी को और भी सनसनीखेज बातों का खुलासा करते हुए देखा जा सकता है। गुप्त कैमरे के सामने खुलासा करते हुए उसने कहा कि मामला तत्कालीन एसपी और आईजी के दबाव में दर्ज किया जाना था। क्लिप बनाने वाले व्यक्ति बेग ने कहा कि जब भिवापुर पुलिस ने अपराध दर्ज किया था तब सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन में पहले से ही इस मामले को लेकर एक दीवानी मुकदमा चल रहा था।

मैं तो विवादकर्ताओं में से भी नहीं था, लेकिन दस्तावेज़ तैयार करने में मदद कर रहा था। बेग ने कहा कि जब किसी ने खुलासा किया कि मैं बातचीत रिकॉर्ड कर रहा हूं, तो पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया। कुछ अधिवक्ताओं ने क्लिप तैयार करने के लिए मजबूर किया था ताकि जमानत हासिल करने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके। बेग ने कहा, क्लिप को कभी भी किसी अदालत में पेश नहीं किया गया है, लेकिन कुछ अधिवक्ताओं ने पुलिस को इस बारे में सूचना लीक कर दी और अचानक मुझे सलाखों के पीछे डाल दिया गया। हालांकि वीडियो क्लिप इस साल की शुरुआत में बनाई गई थी, लेकिन बेग ने हाल ही में क्लिप सांझा की क्योंकि उन्हें इस मामले में सार्वजनिक रूप से मीडिया का ध्यान आकर्षित करने का निर्णय उन्हें उचित लगा। न्याय के लिए उनकी ओर से बार-बार की जा रही दलीलों को वरिष्ठ अधिकारी भी नजरअंदाज कर रहे थे। एसपी का ध्यान आकर्षित करने और हस्तक्षेप करने की बेग की कोशिश 14 दिसंबर को हुई थी।

इन गंभीर आरोपों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए ग्रामीण एसपी विशाल आनंद के साथ भी क्लिप साझा की गई।

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