नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक नरेंद्र सहगल ने अपनी पुस्तक में क्रांतिकारी राजगुरु के संघ का स्वयंसेवक होने का दावा किया। इस दावे के बाद राजगुरु के संघ के संबंध को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इसी चर्चा के बीच संघ के पूर्व प्रवक्ता और विचारक मा गो वैद्य ने सहगल के दावे को ख़ारिज किया है।
सोमवार को प्रेस के बातचीत में वैद्य ने बताया कि राजगुरु संघ के स्वयंसेवक थे इस संबंध कोई जानकारी न उन्हें है और न ही ये सार्वजनिक है। संघ के प्रथम सरसंघचालक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार की आत्मकथा में भी इस बात का कही उल्लेख भी नहीं है। हेडगेवार लंबे समय तक कलकत्ता में जरूर रहे उस समय यह शहर क्रांतिकारियों का प्रमुख केंद्र था। इस दौरान हेडगेवार के क्रांतिकारियों से नजदीकी संबंध जरूर थे। वैद्य में मुताबिक अगर इस दौर में शहीद राजगुरु नागपुर आये होंगे तो उनके सुरक्षित निवास की व्यवस्था डॉ हेडगेवार ने अवश्य की होगी।
संघ के पूर्व प्रचारक नरेंद्र सहगल ने अपनी पुस्तक भारतवर्ष की सर्वांगीण स्वतंत्रता में जो दावा किया है उसके मुताबिक राजगुरु न सिर्फ स्वयंसेवक थे बल्कि वह संघमुख्यालय में स्थित मोहिते वाड़ा के स्वयंसेवक भी थे। एम जी वैद्य के राजगुरु से संघ के संबंध में किये गए विधान के बाद सहगल के दावे पर सवाल खड़े हो गए है।