Published On : Tue, Jul 5th, 2016

गणेश टेकड़ी मंदिर पर नागपुर टुडे की खबर से खलबली

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नींद से जागा प्रशासन
भक्तों पर मंडराता खतरा टल पाएगा या नहीं?

Ganesh Tekdai Mandir Nagpur
नागपुर:
 लगातार जन सरोकारीय पत्रकारिता की अलख जगाए नागपुर टुडे में विदर्भ के प्रसिद्ध गणेश टेकड़ी मंदिर पर मंडराते खतरे की खबर प्रकाशित होने के बाद नागपुर महानगर पालिका प्रशासन नींद से जाग गया है। मनपा प्रशासन के आला अधिकारी, इंजीनियर एवं फायर ब्रिगेड के आला अधिकारी गणेश टेकड़ी मंदिर पहुँचे और मंदिर प्रशासन के साथ रक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ ताबड़तोड़ बैठकें की।

मंदिर की जगह को लेकर विवाद
उल्लेखनीय है कि नागपुर का प्रसिद्ध टेकड़ी गणेश मंदिर, रक्षा विभाग की जमीन पर स्थित है और बकायदा स्थापित ट्रस्ट द्वारा मंदिर का प्रशासन एवं प्रबंधन किया जाता है। हालाँकि कुछ साल पहले मंदिर प्रशासन ट्रस्ट ने रक्षा मंत्रालय से मंदिर स्थित जमीन की जगह माँग ली है और वहाँ मंदिर के इमारत के पुनर्निमाण की आज्ञा भी ले ली है। माना जा रहा है कि मंदिर के खस्ताहाल ढाँचे के प्रति यदि मनपा कोई कार्रवाई करती है तो उसे रक्षा मंत्रालय का दरवाजा भी खटखटाना पड़ सकता है। इसी वजह से इस विवाद के और गरमाने की आशंका जतायी जा रही है।

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क्या मंदिर प्रशासन को दोषी माना जाए?
विदर्भ के इस प्रसिद्ध मंदिर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्त दर्शनार्थ पहुँचते हैं। तीज-त्यौहारों पर यहाँ पहुँचने वाले भक्तों की संख्या लाखों में होती है। कहा जा रहा है कि जब मंदिर प्रशासन ने कुछ साल पहले ही मंदिर के पुनर्निमाण की इजाजत ले ली थी, फिर पुनर्निमाण शुरु क्यों नहीं किया? जानकार इसके पीछे मंदिर प्रशासन के आपसी कलह को दोषी मानते हैं। अब जब कि ढाँचे में दोष का मामला उजागर हुआ है, मंदिर प्रशासन का कहना है कि रक्षा विभाग मंदिर के पुनर्निमाण में अडंगा डाल रहा है और पुन: पुनर्निमाण की इजाजत लेने पर जोर दे रहा है। जानकार कहते हैं, कि मंदिर प्रशासन और किसी पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकता। बताया जाता है स्ट्रक्चर आॅडिट रिपोर्ट गत वर्ष जून में ही मंदिर प्रशासन के हवाले की दी गई थी और उस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मंदिर की ढाँचा जीर्ण हो चुका है, कभी भी धराशायी हो सकता है, जिससे यहाँ आने वाले भक्तों के जानमाल पर बन सकती है।

मनपा प्रशासन सभी मंदिरों का सर्वेक्षण कराएगा
गणेश टेकड़ी मंदिर के जीर्ण ढाँचे की खबर से सीख लेते हुए महानगर पालिका प्रशासन ने अब शहर के सभी प्राचीन मंदिरों के ढाँचे के सर्वेक्षण और ढाँचे की अवस्था के निरीक्षण का फैसला लिया है, जल्दी ही एक समिति शहर सीमा में तीस साल से ज्यादा पुराने मंदिरों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट मनपा को सौंपेगी और जरूरत मानी जाने पर संबंधित मंदिर प्रशासन को जीर्ण ढाँचे के जीर्णोद्धार के लिए निर्देशित किया जाएगा।

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