नागपुर: नागपुर शहर पुलिस के ट्रैफिक विभाग ने एक शख्श को कार चलाते समय हैलमेट न लगाने का दोषी पाया है। सिर्फ इतना ही नहीं ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माने के तौर पर 500 रूपए का चालान भी उन्हें भेजा गया है। पुलिस द्वारा भेजे गए चालान को देख कर चौंकाने वाले जसविंदर सिंह ने बुधवार को मिडिया के सामने अपनी आप बीती साझा की, वह अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि उन्होंने सच में ग़लती की भी है या उनके साथ कोी मज़ाक किया गया है।
10 अप्रैल 2017 को समय 11 बजकर 41 मिनट पर उन्होंने यातायात नियम का उल्लंघन किया। इस गलती के जुर्माने के तौर पर पुलिस आयुक्तालय, ट्रैफिक विभाग की तरफ से बतौर जुर्माना 500 रुपए का चालान 26 अगस्त 2017 को जसविंदर के निवास पर भेजा गया। उनका दावा है कि शहर के अंदर ही स्पीड पोस्ट से 26 अगस्त को भेजा गया चालान उन्हें मंगलवार, 5 दिसंबर 2017 को प्राप्त हुआ।
यातायात नियम के उल्लंघन के समय नागरिकों से ट्रैफिक पुलिस की अक्सर बहस (हुज्जत) होने से बचने के लिए पुलिस विभाग अब चालान के साथ सबूत के तौर पर फ़ोटो भेजती है। जसविंदर को जो चालान हासिल हुआ है, उसमें गज़ब की फ़ोटो लगी है। जिसमें न तो उनकी कार दिख रही है और न ही वे ख़ुद ही दिखाई पड़ रहे हैं। घर में चालान सबसे पहले जसविंदर के पिता ने देखा। बेटा जब घर पहुंचा तो ठहाके लगाते हुए बोले बेटा ” तुमने यातायात नियम का उल्लंघन किया है, अब जब कार में सवार होकर घर से निकलना तो हेल्मेट जरूर पहनना “.
डिजिटल इंडिया और डिजिटल महाराष्ट्र की राहेक़दम पर चलते हुए नागपुर का पुलिस विभाग भी डिजिटल होने का दावा कर रहा है। ऐसे में जसविंदर का मामला चूक है या हक़ीक़त इसका सवाल उठना लाज़मी है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के लोगों ने इस पर पुलिस विभाग से सफ़ाई देने की मांग की है। संस्था से जुड़े रवि गाडगे पाटिल और राजेश कुंभलकर के मुताबिक ट्रैफिक विभाग द्वारा बिना गलती के सज़ा देने का यह एकलौता मामला नहीं है। ऐसे कई वाकये सामने आ चुके हैं। इन छोटी गलतियों की वजह से आम आदमी को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है। पुलिस विभाग जितना वक्त चालान कांटने में लगता है उससे थोड़ा समय ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगाए तो शहर के लिए बेहतर होगा।
जसविंदर सिख समुदाय से है उनके अनुसार वाहन चलाते समय उनके समुदाय को हेल्मेट पहनने के नियम में छूट प्राप्त है। ऐसे में इस गलती पर सिख समुदाय ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा घर पहुंच सेवा के तहत मिले चालान पर भुक्त भोगी जसविंदर ने कुछ इस तरह प्रतिकिया दी।