Published On : Mon, Nov 12th, 2018

नागपुर यूनिवर्सिटी में हर छात्र के जन्मदिन पर दिया जाता है कॉन्डम और सैनिटरी नैपकिन गिफ्ट

Advertisement

नागपुर : अपने बैचमेट्स के जन्मदिन का इंतजार हर किसी को रहता है। इस दिन दोस्त केक काटते हैं और अपने उस दोस्त के चेहरे पर लगाते हैं जिसका जन्मदिन होता है, लेकिन नागपुर यूनिवर्सिटी के एक ग्रुप ने एक नया ट्रेंड शुरू किया है। नागपुर यूनिवर्सिटी के अमरावती रोड कैंपस में पढ़ने वाले छात्र किसी भी सहपाठी का जन्मदिन होने पर उसे सैनिटरी नैपकिन और कॉन्डम गिफ्ट करते हैं।

इस गिफ्ट की खास बात यह भी है कि छात्र इस गिफ्ट की कोई पैकिंग नहीं करते हैं। उनके इस पैक में तीन कॉन्डम के पाउच और एक सैनिटरी नैपकिन का पैक होता है। लड़की का जन्मदिन हो या लड़के का इस ग्रुप के सदस्य दोनों को ही यही गिफ्ट देते हैं।

Gold Rate
16April 2025
Gold 24 KT 95,000/-
Gold 22 KT 88,400/-
Silver / Kg - 96,200/-
Platinum 44,000 /-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

छात्रों के इस ग्रुप में इंदु धोमने, प्रिया कोम्बे, समर्थ तबहाने, शबीना शेख और विकेश तिमंडे हैं। ये सभी स्नातक अंतिम वर्ष में राजनीतिक शास्त्र पढ़ते हैं। ये छात्र पढ़ाई के साथ ही एड्स जागरुकता और लड़कियों में माहवारी स्वच्छता को लेकर कार्य करते हैं। इन छात्रों की नजर में एड्स और माहवारी स्वच्छता की जागरुकता का महत्व इसलिए और ज्यादा है क्योंकि इनमें से अधिकांश आदिवासी इलाके से आते हैं जहां लोगों में जागरुकता की कमी है।

प्रिया ने कहा कि इन उत्पादों को लेकर लोगों को अंदर से शर्मिंदगी महसूस होती है इसलिए हम लोग इसे खुलेआम गिफ्ट करते हैं। इंदु ने कहा कि इसी साल एक लड़की को सहपाठी के बैग में कॉन्डम मिला जिसके बाद वह बहुत डर गई। हम लोगों ने उसकी काउंसलिंग की और उसे बताया कि यह शैंपू, साबुन और दूसरे प्रॉडक्ट की तरह ही एक प्रॉडक्ट है। इसमें शर्मिंदगी या संकोच महसूस करने वाली कोई बात नहीं है।

मार्च में इन दोस्तों के ग्रुप ने फैसला लिया कि वे लोग अब जन्मदिन पर कॉन्डम और सैनिटरी नैपकिन देंगे। छात्रों ने बताया कि यह गिफ्ट पैक वे लोग सिर्फ सहपाठियों को ही नहीं बल्कि अपने प्रफेसर्स और कैंपस के दूसरे छात्र-छात्राओं को भी देते हैं।

शबीना ने कहा कि उनके ग्रुप पर कई लोगों ने उंगलियां उठाईं। लोगों ने कहा कि हम लोग समाज में अश्लीलता का प्रचार कर रहे हैं। लोगों ने बहुत बुरा भला कहा लेकिन एक आदिवासी लड़की को जब सैनिटरी नैपकिन मिला तो उसने हमारे ग्रुप की तारीफ की। इतना ही नहीं कई लोग हमारे समर्थन में आगे आए और हमारे ग्रुप को सपॉर्ट भी किया।

शबीना ने कहा कि यह मानना मूर्खता ही है कि पीजी स्तर के छात्र यौन गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं। हम शादी से पहले सेक्स करने को नहीं कह रहे हैं लेकिन यह तथ्य भी सही है कि युवा 16 से 17 वर्ष की उम्र तक आते-आते यौन गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। हम लोग इसे नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन उन्हें कॉन्डम को लेकर जागरुक कर सकते हैं ताकि उनमें कोई गंभीर बीमारी न हो।

वहीं वीकेश ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन को महिलाओं के सीक्रेट के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। हम लोग लड़कों को सैनिटरी नैपकिन देकर उन्हें उनकी बहनों, मां और फीमेल दोस्तों के प्रति संवेदनशील करते हैं।

Advertisement
Advertisement