नागपुर: राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की ओर से कुछ महीने पहले 50-50 का फार्मूला अपनाने का निवेदन नागपुर विश्वविद्यालय से स्लंग्नित सभी कॉलेजों को दिया गया था. जिसके कुछ दिनों बाद नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ.सिध्दार्थविनायक काणे ने सभी कॉलेजों को 50-50 फॉर्मूला अपनाने के निर्देश दिए थे. लेकिन ज्यादातर कॉलेजो को 50-50 का फार्मूला मंजूर नहीं है. कई कॉलेजों का कहना है कि कॉलेजों द्वारा दो परीक्षाएं खुद कराने के कारण कॉलेज पर आर्थिक संकट निर्माण तो होगा ही साथ ही इसके कॉलेजों में शिक्षकों की भी कमी है.
इसी विषय को लेकर राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के प्राचार्य फोरम के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे ने इस संदर्भ में नागपुर यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. काणे को इस 50-50 फॉर्मूले को अमान्य करते हुए अन्य मांगे भी कुलगुरु के सामने रखी.
तायवाडे ने मांग की है कि यूनिवर्सिटी द्वारा ली जानेवाली परीक्षा की प्रश्नपत्रिका छापने के लिए जो यूनिवर्सिटी की ओर से खर्च दिया जाता है. वह बेहद कम है. इस विषय को लेकर कुछ दिन पहले बैठक में कुलगुरु ने फीस बढ़ाने को लेकर आश्वासन दिया था. सिनेट सभा में भी फीस बढ़ाने को लेकर मान्य किया गया था. लेकिन अब तक कोई भी सूचना नहीं निकाली गई है. जिसके कारण शीतसत्र में होनेवाली परीक्षाएं लेने में कॉलेजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
साथ ही इसके उन्होंने यह भी मांग की है जिन कॉलेजों में पाठ्यक्रमों के लिए उसी विषय के शिक्षक नहीं मिलते हैं. ऐसी जगह पर घंटे के हिसाब से शिक्षकों को पढ़ाने की अनुमति दी जाए. उन्होंने बताया कि पिछली बार की फोरम सभा में यह निर्णय यूनिवर्सिटी द्वारा लिया गया था कि परीक्षा में स्टेशनरी और अन्य खर्च के लिए प्रति विद्यार्थी 12 रुपए दिए जाएंगे. लेकिन अब तक उस पर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया. साथ ही इसके यूनिवर्सिटी द्वारा यह भी मान्य किया गया था कि हर एक कॉलेज में यूपीएस और जनरेटर दिया जाएगा. लेकिन वह भी कॉलेजों को नहीं दिया गया.
फोरम ने मांग की है कि यूनिवर्सिटी ऐकडेमिक प्लान के अनुसार वैल्यूएशन का कार्य कॉलेज के शिक्षकों दिया जाए. जिसके कारण एकेडेमिक प्लान को लागू करने में कॉलेजो को आसानी होगी.
इसके साथ ही परीक्षा के दौरान पुलिस सुरक्षा देने की मांग भी फोरम ने की है.