नागपुर: शहर में महिला स्पेशल बस ‘तेजस्विनी’ शुरू करने के लिए मनपा प्रशासन की शह पर परिवहन विभाग आये-दिन नई-नई तिथि की घोषणा कर रहा है. लेकिन हक़ीक़त तो यह है कि यह विशेष बस अलगे ही साल महिलाओं के लिए सेवाएं दे पाएंगी.
याद रहे कि उक्त महिला स्पेशल बस शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने साढ़े नौ करोड़ की राशि अनुदान के रूप में कई महीनों पहले दे चुकी है. मनपा सत्तापक्ष, परिवहन विभाग में समन्वय के आभाव में उक्त निधि महीनों जिलाधिकारी कार्यालय में पड़ी रही है. इस बीच यह अफवा उड़ी कि समय पर निधि का उपयोग नहीं किया गया तो निधि वापिस चली जाएगी.
इसके बाद मनपा में सत्तापक्ष पदाधिकारियों और परिवहन विभाग के आपसी समझौते के बाद उक्त अनुदान की राशि से एवं खर्च बचाने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक बस खरीदने का निर्णय लिया गया. इस हिसाब से उक्त अनुदान की राशि में ५ इलेक्ट्रिक बसों की खरीदी हो पाएंगी. इस मामले में परिवहन विभाग और पदाधिकारियों के मध्य एक माह पूर्व निर्णय लिया गया. लेकिन बस संचलन की सक्षम नियमावली तैयार न होने से नियमावली को अंतिम रूप देने में कठिनाई हो रही है. क्यूंकि नियमावली बनाने वालों को इलेक्ट्रिक बस संचलन की अनुभव नहीं है.
गुजरात में इलेक्ट्रिक बस के संचालक के अनुसार बस की बैटरी विदेश में निर्माण की जाती है. वर्क आर्डर देने के बाद ६ माह कम से कम लगता है. अर्थात अबतक वर्कऑर्डर नहीं दी गई. एक माह के भीतर अगर दी भी गई तो इस वर्ष के अंत में बैटरी आएंगी फिर ‘असेंबलिंग’ की जाएगी. याने अगले वर्ष ही ‘तेजस्विनी’ बस का आनंद महिलाएं ले सकेंगी. यह तय है कि इस बस के लिए मार्गों का चयन किया जा चुका है और प्रत्येक बस १५० किलोमीटर ही रोजाना दौड़ पाएंगी. इन बसों की चार्जिंग के लिए संविधान चौक पर स्थित पेट्रोल पंप परिसर में लगी ‘चार्जिंग पॉइंट’ इक फ़िलहाल इस्तेमाल किया जाएगा. अंदाज व्यक्त किया जा रहा है कि इसके ऑपरेटरों को वर्तमान में दी जा रही प्रति किलोमीटर दर का आधा दिए जाने पर मंथन शुरू है.